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धरती पर अध्यात्म का प्रकाश स्तम्भ थी दादी प्रकाशमणि: बीके नीलम

धरती पर अध्यात्म का प्रकाश स्तम्भ थी दादी प्रकाशमणि: बीके नीलम

धरती पर अध्यात्म का प्रकाश स्तम्भ थी दादी प्रकाशमणि: बीके नीलम
हिन्दुस्तान टीम,इटावा औरैयाTue, 25 Aug 2020 10:25 PM
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ब्रह्मकुमारीज की पूर्व मुख्य प्रशासिका डा. दादी प्रकाश मणि को उनके 13वें निर्वाण दिवस पर सिविल लाइन्स शाखा पर आयोजित कार्यक्रम में याद किया गया। इस दौरान उनके चित्र पर पुष्प अर्पित करके श्रद्धांजलि दी गई।

केंद्र संचालिका बीके नीलम बहन ने कहा कि जैसे दादी जी ने ह्रदय कि सरलता करुणा प्रेम विश्व बंधुत्व जैसे दिव्यगुणों को आत्मसात कर मानव हित में लगाया वैसे हम भी उनसे प्रेरणा लेकर मानवता को सुकून देने में लगायें। बीके प्रीती बहन ने कहा कि मानवीय मूल्यों से ओत प्रोत एक करिश्माई व्यक्तित्व जिसने थकी हारी मानवता से कहा कि जागो अब न रुको क्योकि स्वर्णिम सवेरा आने वाला है उनका समृति दिवस सारे विश्व में विश्व बंधुत्व दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि दादी ने 14 वर्ष की आयु से अपना अध्यात्मिक सफ़र शुरू करके 1969 में वे संस्था की प्रमुख बनी। उनको 1987 में शांति दूत सम्मान प्रदान किया, इसके अन्य कई राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मान से नवाजा गया। मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय ने उन्हें डॉक्टरेट कि मानद उपाधि प्रदान की। वे नारी जाति के लिए प्रेरणा श्रोत बनी। बीके अरुण ने कहा दादी जी गुणों का भंडार थीं।

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