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अप्रैल से इटावा जंक्शन पर लगेंगे कोच इंडीकेटर

ट्रेनों के कोच तलाशने में अब यात्रियों की ट्रेन नहीं छूटेगी। इटावा जंक्शन पर डिजिटल कोच इंडीकेटर लगाने का काम अप्रैल से शुरु होगा। रेलवे द्वारा अम्ब्रैला फंड से यह कार्य कराया जाएगा। तीन प्रमुख...

अप्रैल से इटावा जंक्शन पर लगेंगे कोच इंडीकेटर
हिन्दुस्तान टीम,इटावा औरैयाFri, 13 Mar 2020 10:54 PM
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ट्रेनों के कोच तलाशने में अब यात्रियों की ट्रेन नहीं छूटेगी। इटावा जंक्शन पर डिजिटल कोच इंडीकेटर लगाने का काम अप्रैल से शुरु होगा। रेलवे द्वारा अम्ब्रैला फंड से यह कार्य कराया जाएगा। तीन प्रमुख प्लेटफार्मों पर 78 कोच इंडीकेटर लगाए जाएंगे। इसके लिए टेंडर की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और अधिकारी सर्वे भी कर चुके हैं। अगर तेज गति से काम चला तो जुलाई से यात्रियों को कोच इंडीकेटर की सुविधा मिलनी शुरु हो जाएगी।

हावड़ा दिल्ली रेलमार्ग पर इटावा रेलवे स्टेशन ए क्लास का स्टेशन है। लगभग तीन सालों से इसे जंक्शन का दर्जा भी मिल चुका है, लेकिन यात्रियों को कोच इंडीकेटर की सुविधा न मिलने से उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। क्योंकि ट्रेनों के कोच तलाशने में उनकी ट्रेन भी छूट जाती थी। लम्बे समय से यात्री जंक्शन पर कोच इंडीकेटर की मांग कर रहे थे। हालांकि पिछले साल रेल बजट में कोच इंडीकेटर अम्ब्रैला फंड से स्वीकृत हुए थे। जिले के सांसद डा. रामशंकर कठेरिया ने इसके लिए व अन्य प्रमुख कार्यों के लिए रेल मंत्रालय में पहल की थी। अब कोच इंडीकेटर लगाने के लिए बजट भी स्वीकृत हो गया है और दिल्ली की एक कम्पनी को इसका जिम्मा सौंपा गया है। वहीं टेलीकॉम विभाग के अधिकारी इसके लिए सर्वे भी कर चुके हैं और कहां कहां इंडीकेटर लगाए जाएंगे उसके लिए जगह भी चिन्हित कर ली गई है। अधिकारियों का कहना है कि अप्रैल से कोच इंडीकेटर लगाने का काम शुरु हो जाएगा।

प्रत्येक प्लेटफार्म पर लगेंगे 26 इंडीकेटर

जंक्शन के एक नम्बर प्लेटफार्म के अलावा दो व तीन नम्बर प्लेटफार्म पर 26,26 कोच इंडीकेटर लगाए जाएंगे। यह पूरी तरह से ऑटोमेटिक होंगे जो सीधे दिल्ली से जोड़े जाएंगे। वहीं से ट्रेनों की फीडिंग भी की जाएगी। अभी तक जंक्शन पर सिर्फ डिस्प्ले बोर्ड लगे हुए हैं, जिसमें सिर्फ यात्रियों को ट्रेनों के आने जाने की जानकारी मिलती है, लेकिन कोच इंडीकेटर लगने के बाद यात्री आरक्षित कोचों को आसानी से ढूंढ पाएंगे। इससे उनकी यात्रा भी काफी सुगम होगी।

कोच तलाशने में छूट जाती थी ट्रेन

जंक्शन पर आने वाली ट्रेनों का ठहराव एक या दो मिनट है। ऐसे में कोच इंडीकेटर न होने से कई बार यात्रियों की ट्रेन छूट जातीं थीं और उन्हें काफी दिक्कतों का सामना भी करना पड़ता था। जंक्शन पर लगभग 66 प्रमुख ट्रेनों का ठहराव है। इसमें कई ट्रेनें काफी महत्वपूर्ण हैं। अधिकतर यात्री ट्रेनें 24 से 26 कोच की होती हैं। इसी के चलते रेलवे ने प्रत्येक प्लेटफार्म पर 26,26 डिजिटल कोच इंडीकेटर लगाने का निर्णय लिया है। दस दिनों पहले दौरे पर आए डीआरएम अमिताभ ने भी जल्द से जल्द कोच इंडीकेटर लगाने की बात कही थी।

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