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अनदेखी से बदहाल हो रहा 50 शैय्या अस्पताल

कस्बे में बनकर खड़ा पचास सैया अस्पताल शासन प्रशासन की लापरवाही से बदहाली की स्थिति में पहुंचता जा रहा है। अस्पताल में सिर्फ एक फार्मासिस्ट और एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की ही तैनाती है। जिससे अस्पताल...

अनदेखी से बदहाल हो रहा 50 शैय्या अस्पताल
हिन्दुस्तान टीम,इटावा औरैयाWed, 16 Sep 2020 04:34 PM
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कस्बे में बनकर खड़ा पचास सैया अस्पताल शासन प्रशासन की लापरवाही से बदहाली की स्थिति में पहुंचता जा रहा है। अस्पताल में सिर्फ एक फार्मासिस्ट और एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की ही तैनाती है। जिससे अस्पताल का लाभ आज तक कस्बे के लोगों को नहीं मिल सका है।

कस्बे के लखना रोड पर इस 50 सैया अस्पताल के निर्माण की नीव वर्ष 2006 में रखी गई थी। इसके निर्माण के लिए 712.21 लाख रुपए का बजट दिया गया। इसके बाद यह अस्पताल वर्ष 2014 में न सिर्फ बनकर तैयार हो गया बल्कि इसी वर्ष तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सैफई में आयोजित एक कार्यक्रम में अस्पताल का उदघाटन भी कर दिया। जिसमें मुख्य भवन, ओपीडी, इन्वेस्टिगेस्ट ब्लॉक, ओटी के अलावा चार आवासी भवन बने हुए हैं। अस्पताल को कस्बे के प्रमुख समाजसेवी स्व.रामाधीन शर्मा की याद में बनवाया गया था ऐसे में अस्पताल को उनका ही नाम भी दे दिया गया। अस्पताल के लिए शासन ने 11 चिकित्साधिकारी,10 पैरा मेडिकल स्टाफ के पद स्वीकृत किए। यहां तक तो सबकुछ ठीक रहा लेकिन इसके बाद अस्पताल की ओर किसी ने मुड़कर नहीं देखा। यही कारण रहा कि अस्पताल में न तो किसी डाक्टर की तैनाती हुई और न ही अन्य कर्मचारियों के साथ को सुविधाएं बनाई गईं। इसी बीच सपा सरकार के चले जाने के बाद फिर इस 50 सैया के अस्पताल की सुध किसी को नहीं आई। अस्पताल में एक फारमासिस्ट और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के अलावा आज तक न तो किसी डाक्टर की तैनाती हुई है और न ही कोई व्यवस्था ही यहां बनाई गई है। यह अस्पताल भरथना तहसील क्षेत्र के मध्य में स्थित है अगर इसमें स्वास्थ्य सेवाएं शुरू हो जाती है तो भरथना बकेवर लखना और चकरनगर के लोगों को इसका सीधा लाभ मिलेगा।

भाजपा सरकार में विधायक सावित्री कठेरिया की पहल पर अस्पताल में एक चिकित्सक की तैनाती की गई लेकिन कुछ दिन में ही उन्हें जिला अस्पताल में नियुक्ति दे दी गई। जिससे यह अस्पताल जस की तस स्थिति में ही खड़ा रह गया। आज भी अस्पताल का यही हाल है। अस्पताल में सिर्फ चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी पहुंचकर सफाई कर देता है और इसके बाद फिर से इस भव्य इमारत में ताला पड़ जाता है। क्षेत्र के लोगों ने जिलाधिकारी श्रुति सिंह से मांग की है कि इस अस्पताल को शुरू करने की वह पहल करें। जिससे क्षेत्र की जनता को इसका पूरा लाभ मिल सके।

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