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वोट कटना नहीं रहा आसान, कटवाने के लिए फार्म 7 भरना होगा

वोटर कार्ड और वोटर लिस्ट में अपने वोट को स्वयं सत्यापित कर सकेंगे। नाम और पते भी कोई अंतर है तो उसका भी दावा घर बैठे कर सकते है। इसके लिए बस आपको एक एप डाउनलोड करना होगा। वहीं अगर कोई वोट कटना है तो...

वोट कटना नहीं रहा आसान, कटवाने के लिए फार्म 7 भरना होगा
हिन्दुस्तान टीम,एटाThu, 05 Sep 2019 11:55 PM
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वोटर कार्ड और वोटर लिस्ट में अपने वोट को स्वयं सत्यापित कर सकेंगे। नाम और पते भी कोई अंतर है तो उसका भी दावा घर बैठे कर सकते है। इसके लिए बस आपको एक एप डाउनलोड करना होगा। वहीं अगर कोई वोट कटना है तो उसके लिए फार्म 7 भरना अनिवार्य है। वोट कटने के बाद के बाद अगर किसी ने दावा कर दिया तो फार्म भरने वाला जिम्मेदार होगा।

भारत निर्वाचन आयोग ने पहले बार मतदाता सत्यापन कार्यक्रम चलाया है। यह कार्यक्रम तीस सितंबर तक चलेगा। इस बार आम वोटर को भी अपने वोट को सही करने की जिम्मेदारी दी है। आपके वोट में कोई गलती और संसोधन कराना है तो वोटर हैल्पलाइन एप पर अपनी संसोधन कर सकते है। इसके अलावा टोल फ्री नंबर 1950 तीसरा विकल्प बीएलओ को सूचना देना है। जैसे ही आप अपने वोट की अपील करेंगे उसके बाद बीएलओ इसकी जांच के लिए जाएगी। बीएलओ को इसकी जांच रिपोर्ट संबंधित विधान सभा क्षेत्र के एसडीएम और लेखपाल को देनी होगी। वैसे ही आयोग इसका सत्यापन करा रहा है। सत्यापन के दौरान अगर कोई वोट कटेगा तो अकेले बीएलओ की रिपोर्ट पर वोट अब नहीं कट पाएगा। इसके लिए फार्म 7 भरना आवश्यक है। फार्म 7 भरने वाले व्यक्ति को वोट कटने का कारण स्पष्ट करना होगा। फार्म भरने के बाद बीएलओ इस पर अपनी रिपोर्ट लगाएंगा। यह सूचना एसडीएम को दी जाएगी। एसडीएम कटे हुए वोट के मामले की जांच करेंगे। इसके बाद वोट कटेगा। वोट कटने के बाद संबंधित व्यक्ति अगर वोट कटने पर दावा करता है तो फार्म 7 भरने वाला व्यक्ति और बीएलओ जिम्मेदार होंगे कि यह वोट कैसे कट गया। वहीं फार्म 8 भरने के बाद एक ही विधान सभा में वोट का पता बदला जा सकता है। इस जांच के बाद जनपद में फर्जी मतदाताओं का भी पता चल जाएगा।

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फर्जी वोटरों को लेकर एटा में रहता है विवाद

एटा। जनपद में फर्जी वोटरों को लेकर काफी विवाद रहा है। राजनैतिक दल भी इस मामलों की शिकायत करते रहते है। अलीगंज में तो विधान सभा चुनाव से पहले फर्जी वोटरों को लेकर विवाद हो गया था। दोनों ओर से आरोपों का दौर चला। मामले की जांच एडीएम को सौंपी गई। एडीएम की जांच के बाद तीन कर्मचारियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई। इस मामले की जांच एसआईटी कर रही है।

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आयोग के आदेश पर मतदाताओं सत्यापन का काम चल रहा है। यह अभियान 30 सितंबर तक चलेगा। सभी लोग इसमें भाग लें। आयोग का यह विशेष अभियान है। जो भी शिकायतें आएगी उसका निस्तारण कराया जाएगा।

केशव कुमार, एडीएम वित्त एवं राजस्व

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