अटल बोलते वाणी में रस घोल देते, कडबी बात भी मुस्करा कर बोल देते
Etah News - भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन पर केशव सरस्वती शिशु मंदिर में काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। कवियों ने अटलजी की स्मृतियों को साझा किया और उनके व्यक्तित्व पर काव्य पाठ...

भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन पर शांतिनगर स्थित केशव सरस्वती शिशु मंदिर संस्कार भारती ने काव्य गोष्ठी करायी। काव्य गोष्ठी में सर्वप्रथम कवि डॉ. राकेश मधुकर ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। कवि डॉ. राजेंद्र सिंह चौहान राज ने संस्कार भारती ध्येय गीत सामूहिक गायन कराया। कवि रणजीत रुचिर ने कहा आजादी की मन में ठाने तीन फरिश्ते चलते हैं, हंसते-हंसते तीनों रक्षक फांसी पर भी चढ़ते हैं। कवि अशोक कुमार चौहान ने कहा विश्वास को ऊंचा कर हर कदम मैं बढ़ाऊंगा, कैसा भी रास्ता हो मंजिल तक मैं जाऊंगा। कवि कृष्ण मुरारी लाल मानव ने कहा अटलजी बोलते वाणी में रस -सा घोल देते थे। कवि अच्युतम् केशवम् ने व्यंग्यपूर्ण कविता सुनाई। कवि राजेश चंद्र जैन ने कविता से अटल के विराट व्यक्तित्व का साक्षात्कार कराया। गोष्ठी में महेश मंजुल, कवयित्री खुशी राज, कवि दिनेश प्रताप सिंह चौहान, डॉ. राकेश सक्सेना, पूर्व प्राचार्य डॉ. राकेश मधुकर, डॉ. सुधीर पालीवाल नयन ने भी काव्य पाठ किया।
संस्कार भारती प्रांतीय संरक्षक आचार्य प्रेमीराम मिश्र ने विदेशों में संस्कार भारती के प्रचार- प्रसार का परिचय के बाद काशी हिंदू विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में अटल बिहारी वाजपेयी के दीक्षांत भाषण का संस्मरण सुनाया। अनूप भावुक ने एटा जनपद के सुप्रसिद्ध कवियों की सहभागिता को काव्य गोष्ठी की विशेष उपलब्धि बताया। प्रदीप सिंह तोमर ने सभी आगंतुकों के प्रति धन्यवाद व्यक्त किया। कवि गोष्ठी का संचालन महेश मंजुल ने किया। कार्यक्रम में आचार्य देवेंद्र कुमार पाठक, प्रेम बाबू कुशवाह, सूर्यकांत परमार, सुधीर चौहान, रंजीत रुचिर, अशोक चौहान, खुशी चौहान, वैभव जैन, वरुण चौहान, प्रियांशु तोमर मौजूद रहे।
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