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पर्यावरण संरक्षण को एक-दूसरे के साथ जुड़ने लगे लोग

ग्लोवल वार्मिंग से चिंतित लोग पर्यावरण संरक्षण के लिए एक-दूसरे के साथ जुड़ने लगे हैं। उसके लिए सामाजिक, साहित्यक संगठन, शिक्षण संस्थान, स्काउट-गाइड, एनसीसी कै डिट, शिक्षक-शिक्षिकाओं, अधिकारी,...

पर्यावरण संरक्षण को एक-दूसरे के साथ जुड़ने लगे लोग
हिन्दुस्तान टीम,एटाMon, 30 Jul 2018 12:24 AM
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ग्लोबल वार्मिंग से चिंतित लोग पर्यावरण संरक्षण के लिए एक-दूसरे के साथ जुड़ने लगे हैं। उसके लिए सामाजिक, साहित्यक संगठन, शिक्षण संस्थान, स्काउट-गाइड, एनसीसी कैडेट्स, शिक्षक-शिक्षिकाओं, अधिकारी, कर्मचारियों ने पौधरोपण करने की मुहिम छेड़ रखी हैं। जनपद में प्रतिदिन सैकड़ों लोग जगह-जगह पौधरोपण कर रहे हैं। इस मुहिम को गति प्रदान करने के लिए शासन-प्रशासन भी पूरी तरह से मुस्तैद दिखाई दे रहा है।

डीएफओ एनआर सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री सामुदायिक वानिकी योजना के तहत जनपद में 110 हेक्टेयर में 1 लाख 73 हजार पौधों का रोपण किया जाना है। बरसात शुरू होने के बाद जनपद में पौधरोपण कार्य शुरू हो गया है। पौधरोपण के लिए कृषक वनधन योजना, मुख्यमंत्री फलोद्यान योजना, वृक्ष भंडारा योजनाएं संचालित हो रही है। इसके अनुसार जनपद को आवंटित लक्ष्य के अनुसार विभागों को लक्ष्य आवंटित किया गया है। उन्होंने बताया कि पौधरोपण के लिए जनपद में 9 सरकारी और 8 प्राइवेट नर्सरी संचालित हैं। इन नर्सरी से जनपद में पौधरोपण के लिए लोग पौधे खरीद सकते हैं।

सरकारी कार्यक्रमों में अधिकारी कर रहे पौधरोपण

एटा। माह के प्रथम और तृतीय सोमवार को आयोजित होने वाले संयुक्त समाधान दिवस में पहुंचने वाले अधिकारी, कर्मचारी तहसील, ग्राम पंचायतों में खुली बैठक, चौपाल आयोजन के दौरान पौधरोपण कर रहे हैं। साथ ही ग्रामवासियों को भी अपने-अपने घरों में कम से कम एक पौधा रोपने को जागरूक कर रहे हैं।

सरकारी नर्सरी में 3,33,138 पौधे

एटा। डीएफओ एनआर सिंह ने बताया कि जनपद में संचालित सरकारी नर्सरी जिरसमी, नगला मुंही, मिरहची, सिरसा टिप्पू, जलेसर, लोहरा, वीरनगर, जैथरा, पहरा में संचालित हैं। इन नर्सरियों में 3 लाख 33 हजार 138 पौधे उपलब्ध हैं। उसमें 2 लाख 49 हजार पौधे रोपण योग्य मौजूद हैं।

प्राइवेट पौधाशाला में 8 लाख से अधिक पौधे

एटा। डीएफओ एनआर सिंह ने बताया कि जनपद में संचालित प्राइवेट नर्सरी में एटा की मधुर एवं अमरप्रेम, तारिफ नर्सरी, दुर्गा, गणेश, जय जगदंबा, हनुमान, नरसिंह नर्सरी शामिल हैं। इन नर्सरियों में 8 लाख 76 हजार 638 पौधे उपलब्ध हैं। उसमें से 4 लाख 49 हजार पौधे रोपण योग्य उपलब्ध हैं।

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