मानसिक रोगियों को थैरेपी देने की मेडिकल कालेज में नहीं व्यवस्था
Etah News - विश्व मानसिक रोग दिवस पर शुक्रवार को मेडिकल कालेज में मानसिक रोगों के बारे में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। मानसिक रोगियों के लिए चिकित्सक और दवाएं उपलब्ध हैं, लेकिन थैरेपी की व्यवस्था नहीं...

विश्व मानसिक रोग दिवस पर शुक्रवार का मेडिकल कालेज में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन कर मानसिक रोगों के बारे में लोगों को जागरूक किया जाएगा। मेडिकल कालेज में मानसिक रोगियों को उपचार देने के लिए मनोरोग चिकित्सक और दवाएं उपलब्ध है पर थैरेपी की व्यवस्था नहीं है। गुरुवार को मानसिक रोग ओपीडी में मौजूद डा. बसुंधरा भूषण, डा. अभ्यास ने बताया कि प्रतिदिन 50 से 500 मनोरोगी आ रहे हैं। इसमें डिप्रेशन, हैडेक और मीनिया के रोगी अधिक आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि मेडिकल कालेज में मानसिक रोगियों की थैरेपी की व्यवस्था नहीं है। आने वाले मनोरोगियों के लिए वह लक्षणों के आधार पर उपचार को परामर्श दे रहे हैं।
इसके अलावा टेली मेडिसिन के माध्यम से मरीजों को उपचार को परामर्श दिलाया जा रहा है। मानसिक रोगियों में सोने के समय शरीर में बेचैनी, बार-बार सफाई करना या हाथ धोना, चेक करना, अजीब हरकतें करना, मन में गंदे विचारों का बार-बार आना, नशे की लत शराब, तंबाकू, स्मैक, ड्रग्स, गांगा, भांग, अफीम से छुटकारा, बातें भूल, चीजें रखकर भूलना, दिन-बार याद न रहना, एकाग्रता की कमी, बिना कारण मारपीट, बिना कारण डरना, अकेले में बात करना, मुस्काराना, लगातार नीद का नहीं आना, आधे या पूरे सिर में दर्द, तनाव के साथ सिर, माइग्रेन या अन्य तरह के दर्द, मन का उदास रहना, आत्म विश्वास की कमी, नकारात्मक सोच, गुमसुम रहना, चिड़चिड़ापन, रोने का मन करना, आत्मदाह का विचार आना, घबराहट, बेचैनी, दिन का जोर से धड़कना, हाथ पैरों का कांपना या सुन्न हो जाना, चिंतित रहना मानसिक रोग के लक्षण है।
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