15 रुपये किलो में बिक रही नौनिहालों को दी जाने वाली पाठय पुस्तकें
Etah News - परिषदीय विद्यालयों में नौनिहालों को दी जाने वाली पाठ्य पुस्तकें रद्दी में 15 रुपये प्रति किलो बेची जा रही हैं। कबाड़िए ने बताया कि उसने सरकारी किताबें रद्दी में खरीदी हैं। यह घटनाक्रम नौनिहालों के...

परिषदीय विद्यालयों में नौनिहालों को दी जाने वाली पाठ्य पुस्तकें शहर में 15 रुपये किलो के भाव से रद्दी में बेची जा रही हैं। गुरुवार को लगभग एक बोरी सरकारी किताबों को लेकर घूम रहे कबाड़िए से जब जानकारी की गई तो उसने बताया कि उसने यह किताबें रद्दी में गली बल्देव सहाय से 15 रुपये किलों में खरीदी है। सर्व शिक्षा अभियान अंकित वर्ष 2024-25 की यह पाठ़य पुस्तकें कबाड़ की बोरी में देखकर हर कोई दंग रह गया। गुरुवार को सरकारी किताबें रिक्शे में रखी बोरी में रखकर घूम रहे कबाड़ी अफजल से जब लोगों ने किताबों के बारे में पूछा तो उसने बताया कि उसने इनको रद्दी में खरीदा है। यह पुस्तकें 15 रुपये किलो के भाव में लीं हैं। इनको वह थोक कबाड़ी के यहां बेचकर पांच से छह रुपये प्रतिकिलो मुनाफा कमा लेगा। कबाड़ी की बोरी में भरी करीब 40 से 50 सरकारी पुस्तकें परिषदीय स्कूलों के जिम्मेदारों की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगा रही हैं। जिन किताबों से नौनिहालों को देकर बेहतर भविष्य की पहल की जा सकती है। उन्हीं किताबों को जिम्मेदार थोड़े से पैसों के लिए रद्दी के भाव में बेच देंगे। ऐसा सोचकर भी अजीब लगता है। परिषदीय विद्यालयों में वितरण को आई यह पाठ्य पुस्तक किस तरह घरों में पहुंची। कबाड़ी की बोरी में रद्दी की तरह भरी वर्ष 2024-25 सर्वशिक्षा अभियान लिखी पुस्तकों में एक से लेकर पांच तक की पाठय पुस्तकें शामिल रही। किताबों में कक्षा पांच की नेचर, कक्षा तीन की मैजिक ऑफ नंबर सहित अन्य पाठय पुस्तकें शामिल है।
वर्ष 2024-25 में वितरण को आई 13 लाख पुस्तकें
बेसिक शिक्षा परिषद के 1699 प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय में एक से आठ तक के छात्र-छात्राओं को देने के लिए 13,25000 पाठय-पुस्तक शासन से जनपद में भेजी गई। जिनको बेसिक शिक्षा अधिकारी दिनेश कुमार के निर्देशन में आठ ब्लॉकों में संचालित स्कूलों में वितरण कराया जा चुका है। वर्तमान में सत्र समापन की ओर है। अब किसी भी विद्यालय में पाठ्य पुस्तकों के वितरण का कार्य नहीं हो रहा है। पुस्तक वितरण की जिम्मेदारी स्कूल में प्रधानाध्यापकों को दी गई। जिनकी देखरेख में विद्यालयों में छात्र-छात्राओं को निशुल्क पुस्तक कराया गया।
शहरी क्षेत्र में सरकारी पुस्तकें बेचे जाने के मामले की नगर क्षेत्र के एबीएसए से जांच करायी जाएगी। जांच कराकर पुस्तक बेचने वाले की जानकारी कराकर कार्रवाई की जाएगी। जनपद में लगभग 14 लाख पाठय पुस्तक वितरण होने को आई थी, जिनको स्कूलों में वितरण कराया गया।-दिनेश कुमार, बीएसए, एटा।
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