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इमरजैंसी में नहीं मिली आक्सीजन, एक घंटे तक परेशान रहा मरीज

इमरजेंसी में मरीज बिना आक्सीजन के एक घंटे तक तड़पता रहा। रात्रि में जो सिलेंडर रखें थे वह खाली थी। अस्पताल में लगाई पाइन लाइन भी काम नहीं कर पा रही है। एक घंटे तक चली मशक्कत के बाद जब आक्सीजन की...

इमरजैंसी में नहीं मिली आक्सीजन, एक घंटे तक परेशान रहा मरीज
हिन्दुस्तान टीम,एटाSat, 27 Oct 2018 11:17 PM
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शुक्रवार-शनिवार दरम्यानी रात को सांस संबंधी परेशानी से जूझ रहे मरीज को इमरजेंसी में ऑक्सीजन नहीं मिल सकी। मरीज बिना ऑक्सीजन के एक घंटे तक तड़पता रहा। रात में जो सिलेंडर रखे थे वह खाली थे। अस्पताल में लगाई पाइन लाइन भी काम नहीं कर रही है। एक घंटे तक चली मशक्कत के बाद जब ऑक्सीजन की व्यवस्था नहीं हो सकी तो दूसरे वॉर्ड से सिलेंडर लगाकर मरीज को ऑक्सीजन दी गई।

शहर के एमपी नगर निवासी दिलीप कुमार को सांस लेने में परेशानी हो रही थी। उनके परिजन दिखाने के लिए जिला अस्पताल की इमरजेंसी में पहुंचे। पहले तो सिर्फ वॉर्डब्याय ही इलाज करता रहा। जब और अधिक सांस लेने में तकलीफ हुई तो ऑक्सीजन लगा दी गई। जो ऑक्सीजन लगाई गई इससे मरीज को कोई लाभ नहीं हुआ। इस सिलेंडर को देखा तो उसमें प्रेशर ही नहीं था। मीटर भी शून्य पर था। इसकी जानकारी ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक को दी गई तो उन्होंने चेक करने के बाद कर्मचारियों को ऑक्सीजन देने की बात कहकर चले गए। खाली हुए सिलेंडर को हटाकर इमरजेंसी में बिछी लाइन से ऑक्सीजन देने के लिए कहा गया। काफी देर तक ड्यूटी पर तैनात कर्मचारी उसे चालू करते रहे, लेकिन वह नहीं चल सकी। इसे देखने के लिए दो कर्मचारी मेन प्वॉइंट पर पहुंचे तो वहां पर भी खाली सिलेंडर लाइन में लगा था। गोदाम में छह सिलेंडर भरे हुए रखे थे। दोनों कर्मचारी सिलेंडर को लगाने का प्रयास करते रहे। करीब एक घंटे तक माथापच्ची करने के बाद भी पाइप लाइन सही नहीं हो सकी। दूसरी ओर मरीज को परेशानी और अधिक बढ़ती जा रही थी। मरीज के साथ तीमारदारों ने जब फिर से कहा तो दोनों कर्मचारी बर्न वॉर्ड से एक सिलेंडर ले आए। इससे मरीज को ऑक्सीजन दी गई। हालांकि इस दौरान एक घंटे का समय गुजर गया और मरीज को परेशान होना पड़ा।

रेफर करने पर देते हैं जोर

एटा। एटा एक्सीडेंटल जोन में आता है। हाईवे आदि पर बड़े हादसे होते रहते हैं। ऐसे में कोई अनहोनी घटना हो जाए तो अस्तपाल में मरीज को ऑक्सीजन भी नहीं मिल सकेगी। ऐसी स्थिति में डॉक्टर परेशान मरीजों को रेफर करने पर जोर देते हैं कि कैसे ही मरीज यहां से चला जाए। जो व्यवस्थाएं है उन्हें भी चालू नहीं रखा जाता। जबकि इमरजेंसी में हर समय सही व्यवस्था दुरुस्त होनी चाहिए।

----वर्जन

जिला अस्तपाल की इमरजेंसी में सभी व्यवस्था ठीक होनी चाहिए। अगर ऐसा मिला है तो घोर लापरवाही है। इस मामले की जांच सीएमओ को सौंपी गई है। वह तीन दिन में जांच रिपोर्ट देंगे।

आईपी पांडेय, डीएम एटा

फोटो फाइल----28ईटीए1----शनिवार को जिला अस्पताल की इमरजेंसी की पाइप लाइन में ऑक्सीजन गैस लाने की कोशिश में जुटा कर्मचारी।

फोटो फाइल----28ईटीए2-जिला अस्पताल की इमरजेंसी में भर्ती मरीज तथा वॉर्ड में लगा बंद पंखा।

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