यूपी में हाईवे पर वाहन दौड़ाना होगा महंगा, पहली अप्रैल से 5 फीसदी तक बढ़ेगा टोल टैक्स
- यूपी में हाईवे पर वाहन दौड़ाना महंगा होगा। एक अप्रैल की रात 12 बजे से दरों के बढ़ने से कानपुर के सभी टोल प्लाजा पर एक वाहन को पांच से 10 रुपये तक ज्यादा देने पड़ेंगे।
यूपी में एक अप्रैल से हाईवे पर वाहन दौड़ाना महंगा हो जाएगा। करीब पांच प्रतिशत तक टोल की दरें बढ़ जाएंगी। एनएचएआई हर साल एक अप्रैल को थोक सामग्रियों के दामों में हुई बढ़ोतरी के आधार पर टोल बढ़ाता है। होलसेल प्राइस इंडेक्स (डब्ल्यूपीआई) के आधार पर एक अप्रैल की रात 12 बजे से दरों के बढ़ने से कानपुर के सभी टोल प्लाजा पर एक वाहन को पांच से 10 रुपये तक ज्यादा देने पड़ेंगे।
पिछले साल भी एक अप्रैल से टोल दरें निर्धारित हुई थीं लेकिन लोकसभा चुनाव के मद्दनेजर इसे स्थगित कर दिया गया था। तीन जून 2024 को दरें बढ़ी थीं। अब एक अप्रैल से टोल दरें बढ़ाई जा रही हैं। तीन से पांच प्रतिशत तक दरें बढ़ेंगी लेकिन अभी तक फाइनल रेट निर्धारित नहीं हुए हैं। अलीगढ़ हाईवे पर शिवराजपुर के नवादा कांठी, कानपुर देहात के बारा, फतेहपुर रोड पर बड़ौरी और कटोघन समेत अनंतराम, अकवाबाद और नवाबगंज टोल प्लाजा पर दरें बढ़ेंगी। एनएचएआई के क्षेत्रीय अधिकारी संजीव शर्मा ने बताया कि एक अप्रैल से टोल फीस की दरें लागू होंगी। दरों का निर्धारण किया जा रहा है।
बाराटोल प्लाजा पर लगते 180 रुपये
बारा टोल प्लाजा पर कार, जीप, वैन के टोल में जून 2024 में पांच रुपये की बढ़ोत्तरी की गई है। यहां पर निजी वाहनों को 180 रुपये देने होते हैं। हल्के कामर्शियल वाहन और मिनी बसों को 280 रुपये, बस ट्रक को 570 रुपये, तीन एक्सेल वाहनों को 625 रुपये, चार से छह एक्सल वाहनों को 875 और इससे बड़े वाहनों को 1110 रुपये देने होते हैं।
हाईवे बनाने की थोक सामग्री पर असर
हर साल एनएचएआई टोल की दरें महंगाई की वजह से बढ़ाता है। दरअसल हाईवे को बनाने में लगने वाली सामग्री के दामों में बढ़ोतरी की वजह से ऐसा होता है। हर साल होलसेल प्राइस इंडेक्स (डब्ल्यूपीआई) के आधार पर इसका निर्धारण होता है। यह इंडेक्स थोक स्तर पर वस्तुओं की कीमतों में होने वाले बदलाव को मापता है। यह मुख्य रूप से उत्पादकों, थोक विक्रेताओं और व्यापारियों के बीच होने वाले लेनदेन की कीमतों पर आधारित होता है, न कि खुदरा स्तर पर उपभोक्ताओं द्वारा भुगतान की जाने वाली कीमतों पर।