
ऐसा फूल जिसकी न बनती है माला न हार, फिर भी बिकता है सबसे महंगा, सब्जी बनती है लाजवाब
संक्षेप: तराई के जंगलों में इन दिनों एक ऐसा फूल मिल रहा है, जो नाम से तो फूल है, लेकिन इसका इस्तेमाल सजावट या मालाओं में नहीं होता। इसे स्थानीय लोग ‘धरती का फूल’ कहते हैं। इसे स्वादिष्ट व्यंजन बनाए जाते हैं।
Hindustan Special: तराई के जंगलों में इन दिनों एक ऐसा फूल मिल रहा है, जो नाम से तो फूल है, लेकिन इसका इस्तेमाल सजावट या मालाओं में नहीं होता। इसे स्थानीय लोग ‘धरती का फूल’ कहते हैं। इसे स्वादिष्ट व्यंजन बनाए जाते हैं। खास बात यह है कि यह फूल बाजार में इतनी ऊंची कीमत पर बिक रहा है कि आम सब्जियों को तो छोड़िए, मटन से भी महंगा है। इन दिनों इसकी कीमत 1100 रुपये किलो तक पहुंच चुकी है। सब्जी इसकी लाजवाब बनती है।

धरती का फूल वास्तव में एक फंगस (कवक) है, जिसे मशरूम की श्रेणी में रखा जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम टरमिटोमायसेज है। यह केवल मानसून के दौरान ही जमीन के भीतर दीमक की बांबियों के आसपास निकलता है। इसकी दुर्लभता और लाजवाब स्वाद ही इसे खास बनाते हैं। यही वजह है कि सीमित समय में मिलने वाला यह फूल हाट-बाजारों में हाथों हाथ बिकता है और कई बार लोग एडवांस बुकिंग तक करा लेते हैं। धरती का फूल साल में सिर्फ दो महीने यानी अगस्त और सितंबर के दौरान ही जंगलों में दिखाई देता है। मानसून की नमी और मिट्टी की विशेषता इसकी पैदावार के लिए जरूरी होती है। सीमित समय और सीमित मात्रा में मिलने के कारण इसकी कीमत ऊंची रहती है।
स्वाद और पोषण का अनोखा संगम
स्थानीय लोग इस फूल से खास सब्जी बनाते हैं, जिसका स्वाद लजीज और पचाने में आसान माना जाता है। जानकारों का कहना है कि इसमें प्रोटीन की भरपूर मात्रा पाई जाती है, जो इसे पोषण के लिहाज से भी मूल्यवान बनाती है। यही कारण है कि आम लोग ही नहीं, बल्कि संपन्न परिवार भी इसकी डिश का स्वाद लेने के लिए ज्यादा कीमत चुकाने से पीछे नहीं हटते।
वन विभाग की रोक, फिर भी हो रही सप्लाई
धरती का फूल जंगल की गहराइयों में उगता है और इसे कृत्रिम रूप से खेत या बगीचे में उगाना लगभग असंभव है। वन विभाग ने इसे जंगल से निकालने पर रोक लगा रखी है। बावजूद इसके, स्थानीय बाजारों में इसकी सप्लाई जारी है। दक्षिण खीरी के डीएफओ संजय विश्वाल ने बताया कि यह वनस्पति जंगल के कोर एरिया में मिलती है, जहां वन्यजीवों की मौजूदगी रहती है। उन्होंने चेतावनी दी कि इसे निकालने के चक्कर में लोग बड़े खतरे मोल ले रहे हैं। हाल ही में गोला वन रेंज में धरती का फूल निकालने गए दो लोगों पर बाघ ने हमला कर दिया था।





