गोरखपुर सड़क हादसे में घायल युवक की इलाज के दौरान मौत
Deoria News - गोरखपुर में 14 जनवरी को हुए सड़क हादसे में घायल पार्थ शुक्ला का रविवार को लखनऊ में इलाज के दौरान निधन हो गया। दुर्घटना में उसके दोस्त आमिर की मौके पर ही मौत हो गई थी। पार्थ के परिवार में शोक का माहौल...
देवरिया, निज संवाददाता। पांच दिन पूर्व गोरखपुर में हुए सड़क हादसे में घायल पार्थ शुक्ला की इलाज के दौरान रविवार की सुबह लखनऊ में मौत हो गयी। युवक के मौत से घर में कोहराम मच गया। घटना की सूचना मिलते ही घर पर उसके शुभचिंतकों का जमावड़ा लग गया। देर शाम तक युवक का शव लखनऊ से देवरिया पहुंचा। घटना में युवक के दोस्त की मौके पर ही मौत हो गयी थी, जबकि एक युवती समेत चार लोग घायल हुए थे।
शहर के सिविल लाईन्स रोड के रहने वाले पार्थ शुक्ला पुत्र राबी शुक्ला अपने दोस्त मोतीलाल लाल रोड निवासी बाम्बे ग्लास हॉउस के कारोबारी आमिर लारी पुत्र स्व.आरिफ लारी, भटवलिया निवासी जीत शाही पुत्र इन्द्रजीत शाही व मोहन रोड निवासी सिद्धार्थ शर्मा पुत्र वीरेन्द्र शर्मा के साथ 14 जनवरी को वर्ना कार से किसी कार्य वश गोरखपुर गया था। वहां से लौटते समय देर रात को गोरखपुर के असुरन चौक पर उनकी कार अनियंत्रित होकर गोलम्बर से टकरा गयी।
हादसे में आमिर की मौके पर ही मौत हो गयी, जबकि कार में सवार पार्थ, सिद्धार्थ व जीत सहित एक युवती घायल हो गयी थी। हादसे में घायल हुए चारों में पार्थ व युवती की स्थिति को गम्भीर देखकर गोरखपुर के चिकित्सकों ने उन्हें हायर सेन्टर रेफर कर दिया था। परिजन पार्थ शुक्ला को लखनऊ स्थित मेदांता अस्पताल में भर्ती कर इलाज करा रहे थे, जहां इलाज के दौरान रविवार की सुबह पार्थ की मौत हो गयी।
रविवार को पार्थ के मौत की जानकारी होते ही उसके परिवार में कोहराम मच गया। परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल था। पार्थ दो भाईयों में छोटा था। मौत की सूचना के बाद सिविल लाईन्स स्थित उसके आवास पर शुभचिन्तकों व रिस्तेदारों का जमावड़ा लग गया। देर शाम को उसका शव लखनऊ से देवरिया पहुंचा।
शहर के प्रतिष्ठित परिवार का पार्थ
शहर के सिविल लाईन्स रोड के रहने वाला पार्थ शुक्ला काफी प्रतिष्ठित परिवार का लाड़ला था। उसके पिता एक समाचार पत्र के पत्रकार है, जबकि उसके चाचा संजीव शुक्ल गोरखपुर से प्रकाशित एक प्रमुख हिन्दी दैनिक में काम करते थे। शहर के सिविल लाइन्स पर बड़ी मकान के साथ ही काम्पलेक्स भी है। पार्थ अपने परिवार में सबसे छोटा था,जिसके कारण परिवार के लोग उससे सबसे अधिक लाड़-प्यार करते थे।
मुम्बई के एक एनजीओ में काम करता था पार्थ
पार्थ शुक्ला दो भाईयों में छोटा था। कुछ दिन शहर के एक एनजीओ में काम करने के बाद वह मुम्बई चला गया, जहां वह एक दूसरे एनजीओ में काम करने लगा। घटना के करीब 15 दिन पूर्व ही वह छूट्टी पर घर आया था। 14 जनवरी को वह दोस्तों के साथ किसी कार्य से गोरखपुर गया था, जहां सड़क हादसे में वह घायल हो गया था।
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