रिचार्ज पर हर माह छ: लाख खर्च, फिर भी शो पीस बने हैं टैबलेट
Deoria News - देवरिया में परिषदीय विद्यालयों को दिए गए टैबलेट शो पीस बन गए हैं। करीब डेढ़ वर्ष में इनका कभी-कभार ही उपयोग होता है। शिक्षकों ने टैबलेट घर पर रखे हैं, जबकि बेसिक शिक्षा विभाग हर माह इन पर करीब छ: लाख...

देवरिया, निज संवाददाता। परिषदीय विद्यालयों में टैबलेट शो पीस बने हुए हैं। करीब डेढ़ वर्ष पहले मिले टैबलेटों का उपयोग विद्यालयों में कभी-कभार ही होता है। ज्यादतर टैबलेट शिक्षकों के घर पड़े हुए हैं। यह हाल तब है जब बेसिक शिक्षा विभाग हर माह रिचार्ज पर करीब छ: लाख रूपए खर्च करता है। जिले में 2121 परिषदीय विद्यालय संचालित हैं। वर्ष 2024 में विद्यालयों को कुल 4204 टैबलेट दिए गए। टैबलेट की गूगल मैपिंग भी कराई गई ताकि टैबलेट नियमित रूप से स्कूल लाया जाए। टैबलेट देने के पीछे विभाग की मंशा थी कि विद्यालय की सभी पंजिकाओं को डिजिटल कराया जा सके।
इसमें समय के बचत के साथ-साथ लंबे समय तक विद्यालय के रिकार्ड को भी सुरक्षित रखा जा सकेगा। हर माह बेसिक शिक्षा विभाग एक सिम पर 138 रूपए खर्च करता है। देखा जाए तो जनपद में टैबलेट पर कुल 5 लाख 80 हजार एक सौ बावन रूपए प्रतिमाह खर्च होते हैं। शिक्षकों ने टैबलेट और सिम दोनों प्राप्त कर लिया, लेकिन एक दिन भी उसका उपयोग नहीं किए। अधिकतर टैबलेट शिक्षकों के घर की शोभा बढ़ा रहे हैं। शिक्षक टैबलेट का उपयोग नहीं कर रजिस्टर पर ही जरूरी कामकाज निपटा रहे हैं। इन कार्यों के लिए दिए गए थे टैबलेट शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार हेतु शिक्षक और छात्रों की नियमित हाजिरी, डिजिटल पाठ्य सामग्री, ऑनलाइन मूल्यांकन, शैक्षिणक एप्स का उपयोग, कक्षा में इंटरैक्टिव शिक्षण, डिजिटल स्कूल रजिस्टर, एमडीएम, ड्रेस् वितरण, स्टॉक रजिस्टर, आय-व्यय का ब्योरा आदि। टैबलेट का उपयोग करने से डरते हैं शिक्षक टैबलेट से शिक्षकों की ऑनलाइन हाजिरी भी लगनी है। इसका शिक्षक समुदाय शुरू से ही विरोध कर रहा है। शिक्षक चाहते हैं कि ऑनलाइन हाजिरी को छोड़कर बाकि सभी काम टैबलेट से कराया जाए। शिक्षकों को भी यह भी डर है कि अगर वे टैबलेट का उपयोग करेंगे तो कहीं ऑनलाइन हाजिरी भी उन्हें नहीं लगानी पड़ जाए। जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ के ब्लॉक अध्यक्ष नरेंद्र सिंह ने कहा कि टैबलेट का उपयोग करने से शिक्षकों को परहेज नहीं है, बशर्ते टैबलेट से शिक्षकों की ऑनलाइन हाजिरी नहीं लगवाई जाए। परिषदीय विद्यालयों को दो-दो टैबलेट दिया गया है। टैबलेट की गूगल मैपिंग भी कराई गई है ताकि टैबलेट नियमित रूप से विद्यालय लाया जाए। अगर कोई शिक्षक टैबलेट स्कूल लेकर नहीं आता है तो उसकी जांच कराई जाएगी। उसके बाद नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। शालिनी श्रीवास्तव, बीएसए देवरिया।
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