डेढ़ हजार से अधिक पेंशनरों की रुकी पेंशन
देवरिया। निज सवांददाता सरकारी विभागों से सेवानिवृत्त होने के बाद कोषागार से पेंशन ले...

देवरिया। निज सवांददाता
सरकारी विभागों से सेवानिवृत्त होने के बाद कोषागार से पेंशन ले रहे पेंशनरों को प्रतिवर्ष जीवित प्रमाण पत्र देना पड़ता है। वहीं विभाग को जीवित प्रमाण पत्र नहीं दे पाने के कारण लगभग डेढ़ हजार से अधिक पेंशनरों की पेंशन लगभग डेढ़ साल से भी अधिक समय से बंद है। गौरतलब हो कि कोषाधिकारी कार्यालय से सरकारी विभागों से सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों को सेवानिवृत्त होने पर पेंशन मिलती है। इसके लिए उन्हें प्रतिवर्ष जीवित प्रमाण पत्र कोषाधिकारी कार्यालय में जमा करना पड़ता है जिससे उनकी पेंशन बाधित नहीं होती है। बता दें कि कोषाधिकारी कार्यालय से लगभग दो दर्जन विभागों के लगभग 20 से 21 हजार पेंशनर या उनके आश्रित प्रतिवर्ष पेंशन लेते हैं। वहीं विभागीय सूत्रों की माने तो लगभग डेढ़ हजार से अधिक पेंशनरों का डेढ़ वर्ष से अधिक समय से जीवित प्रमाण पत्र विभाग में जमा नहीं होने के कारण उनकी पेंशन बाधित चल रही है।
आनलाइन भी जीवित प्रमाण देने की है सुविधा:
सरकार ने पेंशनरों को जीवित प्रमाण पत्र देने के लिए कोषाधिकारी कार्यालय न आना पड़े इसके लिए ऑनलाइन के जरिए जीवित प्रमाण पत्र भेजने की सुविधा प्रदान की है। ऑनलाइन नहीं होने की सुविधा से पूर्व प्रतिवर्ष पेंशनर नवंबर माह में कोषाधिकारी कार्यालय पहुंचकर अपने जीवित होने का प्रमाण पत्र विभाग को जमा करते थे। लेकिन अब वह घर बैठे विभाग के ऐप के माध्यम से या जन सेवा केंद्र के माध्यम से अपना जीवित प्रमाण पत्र कार्यालय को भेज सकते हैं।
जीवित प्रमाण पत्र कोषाधिकारी कार्यालय में नहीं देने के कारण लगभग डेढ़ हजार से अधिक पेंशनरों की पेंशन रुकी है। जिनका सत्यापन के अभाव में पेंशन रुका है, यदि वे जीवित प्रणाम पत्र देते हैं तो पेंशन उनके खाते में भेज दिया जाएगा।
कुलदीप सरोज, वरिष्ठ कोषाधिकारी
