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जिला कारागार की सुरक्षा होगी पीएसी के हवाले, बंदी रक्षकों को मिलेगी मुक्ति

देवरिया। अनुग्रह नारायण शाही प्रदेश के जेलों के अंदर और बाहर की सुरक्षा...

जिला कारागार की सुरक्षा होगी पीएसी के हवाले, बंदी रक्षकों को मिलेगी मुक्ति
हिन्दुस्तान टीम,देवरियाMon, 22 Feb 2021 03:45 AM
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देवरिया। अनुग्रह नारायण शाही

प्रदेश के जेलों के अंदर और बाहर की सुरक्षा आने वाले दिनों में पीएसी के जिम्मे होगी। पीएसी के जवानों को जेल की सुरक्षा में तैनात किया जाएगा। वह बंदी रक्षकों के साथ मिल कर जिला कारागार की सुरक्षा करेंगे। प्रदेश में लगभग 997 पीएसी के जवानों को प्रशिक्षण देकर जिला कारागारों में सुरक्षा के लिए तैयार किया जा रहा है। पिछले दिनों जिला कारागार को छह पीएसी के जवान मिले है। जो मेन गेट और द्वितीय गेट की सुरक्षा सम्भाल रहे हैं।

जेलों में बंदीरक्षकों की बेहद कमी है। लम्बे समय से जेलों के बंदी रक्षकों की भर्ती नहीं हो रही है। वहीं प्रत्येक वर्ष बंदी रक्षक सेवानिवृत भी होते जा रहे हैं। वहीं जिला कारागार में मानक से भी अधिक बंदी और कैदी बंद है। बंदी रक्षकों की कमी के चलते बंदियों और कैदियों को सम्भालने में जेल के बंदी रक्षकों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसे देखते हुए विभाग ने होमगार्ड को भी ड्यूटी पर लगाया था। अब प्रदेश सरकार ने वर्ष 2018 में भर्ती हुए 997 पीएसी के जवानों की तैनाती जेलों की सुरक्षा करने के लिए कर दिया है। पीएसी के जवानों को जेल मैनु़अल समेत अन्य प्रशिक्षण चरणवद्ध कर दिया जा रहा है। जिला कारागार की सुरक्षा के लिए 6 पीएसी देवरिया जिला कारागार पहुंचे हुए हैं। वह बाहरी सुरक्षा की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। आने वाले दिनों में और पीएसी के जवान जिला में पहुंचेंगे।

दो वर्ष की प्रतिनियुक्ति पर ड्यूटी पर रहेंगे पीएसी

जेल की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए पीएसी को तैनात किया जाएगा। कारागार प्रशासन की मांग पर दो वर्ष के लिए पीएसी के जवानों को प्रतिनियुक्ति पर पीएसी के जवान जेलों में जाएंगे। सूत्रों की माने तो वर्ष 2018 में पीएसी में भर्ती हुए 997 रिक्रूटों को जेलों में तैनाती मिलेगी। इनका प्रशिक्षण लखनऊ में कराया जा रहा है। पहले चरण में तकरीबन 823 पीएसी के जवानों को जेलों में तैनाती दी जाएगी। प्राथमिकता उन जेलों की है, जहां पर कैदियों की संख्या अधिक है और बंदी रक्षक कम है। जेल की पूरी व्यवस्था बंदी रक्षकों के ऊपर थी, पीएसी के जवानों की तैनाती के बाद जेल के जवानों के साथ अंदर व बाहर कारागार की व्यवस्था में जवान सहयोग करेंगे।

हिंसा को देखते हुए लिया गया फैसला

जेल में बंद कैदी और बंदी अक्सर बवाल व हंगामा करतेअ हैं। जिला जेल में अब तक कई बार हिंसक घटनाएं हो चुकी है। इसे देखते हुए भी पीएसी को जेलों में तैनात किया जा रहा है। जो जेल में हंगामा होने पर तत्काल संभाल लेंगे। जेल के अंदर हंगामा और बंवाल को हिंसक नहीं होने देंगे। पहले विवाद के बाद पुलिस के जेल में पहुंचने तक मामला भारी हिंसक हो जाता था। जिसे काबू में कमरे के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ती थी।

बंदी रक्षकों के पद हैं खाली

जिला कारागार में बंदी रक्षकों के सृजित पद में भी कुछ पद रिक्त चल रहा है। जिला कारागार में 533 बंदियों और कैदियों को रखने का मानक है। इसी के आधार पर जेल में बंदी रक्षको की तैनाती है। वर्तमान में जिला कारागार में लगभग 1700 बंदी और कैदी बंद है। जिसमें देवरिया, कुशीनगर समेत अन्य जिलों के बंदी और कैदी बंद है। दस कैदी और बंदी पर एक बंदी रक्षक की तैनाती का मानक है, लेकिन जिला कारागार में मात्र पांच दर्जन बंदी रक्षक तैनात है। बंदी रक्षकों की भर्ती नहीं होने से जेल में ड्यूटी को लेकर दिक्क्त होने लगी थी। इसके साथ ही एक जेल अधीक्षक, एक जेलर और चार जेलर का पद सृजित है। वहीं एक दर्जन अधिक बंदी रक्षकों के पद रिक्त चल रहे हैं।

जिला कारागार में सुरक्षा के लिए पीएपी के जवानों को तैनात किया जा रहा है। वर्तमान में छह पीएसी के जवान आए आने वाले दिनों में और पीएसी जवान जेल को मिलेंगे।

केपी त्रिपाठी, जेल अधीक्षक देवरिया

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