Pregnant Woman Dies in Deoria Hospital No Case Filed Yet पखवाड़े भर बाद भी स्वास्थ्य हॉस्पिटल पर नहीं हुआ केस, Deoria Hindi News - Hindustan
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पखवाड़े भर बाद भी स्वास्थ्य हॉस्पिटल पर नहीं हुआ केस

Deoria News - देवरिया के रामनाथ स्वास्थ्य हॉस्पिटल में गर्भवती उर्मिला देवी की 2 अप्रैल को मौत हो गई। डॉक्टर ने आपरेशन के लिए 25 हजार रुपये लिए, लेकिन इलाज में लापरवाही के चलते महिला की मौत हो गई। परिजन पुलिस और...

Newswrap हिन्दुस्तान, देवरियाFri, 18 April 2025 09:05 AM
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पखवाड़े भर बाद भी स्वास्थ्य हॉस्पिटल पर नहीं हुआ केस

देवरिया, निज संवाददाता। गर्भवती की मौत मामले में पखवाड़े भर बाद भी शहर के रामनाथ देवरिया के स्वास्थ्य हॉस्पिटल के खिलाफ केस दर्ज नहीं किया गया है। केस दर्ज कराने को मृतक के परिजन भटक रहे हैं। निजी अस्पताल में 2 अप्रैल की रात गर्भवती की मौत हुई थी। आयुर्वेद का डॉक्टर स्वास्थ्य हॉस्पिटल चला रहा था। आयुर्वेद विभाग ने निरीक्षण कर अस्पताल को सील किया है। कोतवाली पुलिस विभाग से रिपोर्ट आने पर केस दर्ज करने की बात कह रही है। सुरौली थाना क्षेत्र के पाण्डेय सरौरा निवासी छोटेलाल गौडं की पिछले साल 12 जुलाई को शादी हुई। उसकी पत्नी उर्मिला देवी (22) गर्भवती थी। 2 अप्रैल की शाम को उसे प्रसव पीड़ा होने पर गांव की आशा परिजनों को झांसे में लेकर शहर के रामनाथ देवरिया स्थित स्वास्थ्य हास्पिटल में भर्ती करा दिया। जहां बताया गया कि महिला का ब्लड कम है और आपरेशन करना पड़ेगा।

डाक्टर ने आपरेशन करने के नाम पर 25 हजार रूपया जमा करा लिया। वह जांच के नाम पर टाल मटोल करते रहे। रात करीब साढ़े दस बजे अस्पताल कर्मियों ने परिजनों से गर्भवती को कुछ खिलाने को कहा। परिजन समोसा, चाय लेकर आये। वह जब खिलाने गये तो गर्भवती का शरीर ठंडा पड़ गया था। उन्होंने इसकी सूचना अस्पताल कर्मिैयों को दी। गर्भवती की हालत देख अस्पताल कर्मियों में खलबली मच गयी। उन्होंने आनन-फानन में गर्भवती को बाहर निकाल दिया और डाक्टर व कर्मचारी फरार हो गये। परिजनों के अस्पताल पर हल्ला-हंगामा की सूचना पर रात को सदर कोतवाली पुलिस पहुंची।

पुलिस गर्भवती को लेकर मेडिकल कालेज की इमरजेंसी पहुंची, जहां पर डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। स्वास्थ्य अस्पताल को बीएएमएस डाक्टर चला रहा था। उसने आयुर्वेद विभाग में अस्पताल का पंजीकरण कराया था, लेकिन पंजीकरण की समय सीमा भी 31 मार्च को समाप्त हो गयी थी। आयुर्वेद में पंजीकरण कराकर एलोपैथ का अस्पताल चलाने पर आयुर्वेदिक अधिकारी ने उसे सील कर दिया। लेकिन गर्भवती की मौत मामले में अभी तक पुलिस ने केस दर्ज नहीं किया। परिजन सीएमओ, आयुर्वेद आफिस व कोतवाली का चक्कर लगा रहे हैं। पुलिस का कहना है कि संबंधित विभाग से रिपोर्ट आने के बाद ही केस दर्ज किया जायेगा।

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