मिशन शक्ति : देवरिया की मनभावती ने माता-पिता को तंगी से जूझते देखा, ससुराल में जीती जंग
हिन्दुस्तान मिशन शक्ति में चयनित देवरिया जिले के बैतालपुर के भुड़ी पाकड़ गांव की रहने वाली मनभावती देवी के साथ 110 महिलाओं को जोड़ दिया। जो महिलायें समाज में पीछे खड़ी होती थीं, आज वह इनसे जुड़कर...
माता-पिता का सपना साकार करने की चाह ने बैतालपुर के भुड़ी पाकड़ गांव की रहने वाली मनभावती देवी के साथ 110 महिलाओं को जोड़ दिया। जो महिलायें समाज में पीछे खड़ी होती थीं, आज वह इनसे जुड़कर आत्मनिर्भरता का दम भर रही हैं। मनभावती ने मायके में माता-पिता को आर्थिक तंगी से जूझते देखा था। ससुराल पहुंचीं तो आत्मनिर्भर बनने की ठानी और हालातों पर जीत पाई। समूह के जरिये महिलाओं को न सिर्फ आत्मनिर्भर बनाया है, बल्कि 30 महिलाओं को स्वावलंबी बनने का मंत्र भी दे रही हैं।
मनभावती का कहना है कि उनका एक भी भाई नहीं हैं। आर्थिक संकटों का सामना करते हुए चार बेटियों को पढ़ाने में माता-पिता ने कोई कसर नहीं छोड़ी थी। उन्होंने खुद इंटरमीडिएट तक शिक्षा हासिल की। वर्ष 2015 में ससुराल आने के बाद मनभावती देवी अपने माता-पिता की मेहनत को साकार करना चाहती थीं। ससुराल में परिवार और पति से बेहतर सहयोग मिला। उन्होंने घर पर रहने के दौरान ही महिलाओं को रोजगार से जोड़ने की तरकीब सोची। 2018 में ससुराल के लोगों से इजाजत लेकर चार महिलाओं को अपने साथ जोड़ा। इसके बाद दस महिलाओं को जोड़ते हुए सीता ने महिला स्वयं सहायता समूह बनाया।
इसके बाद भी कमाई न होने से निराशा ही हाथ लगी। वर्ष 2019 में भनभावती एनआरएलएम से जुड़ीं और अपने दस समूह बना लिए। इसमें कुल 110 महिलायें महिलायें सिलाई-कढ़ाई, मास्क बनाने, गांव के सामुदायिक शौचालय की देखरेख, घर-घर बिजली का बिल पहुंचाकर और आंगनबाड़ी से मिला पुष्टाहार को बांट कर तरक्की कर रही हैं।
एक नजर
मनभावती देवी
निवासी : भुड़ीपाकड़, बैतालपुर
पेशा : सिलाई-कढ़ाई
सहयोग: 110 महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया