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रेडियोलाजिस्ट के अभाव में ठप्प है मरीजों का अल्ट्रासाउंड

रेडियोलाजिस्ट के अभाव में ठप्प है मरीजों का अल्ट्रासाउंड

संक्षेप: Deoria News - देवरिया में रेडियोलाजिस्ट की कमी के कारण गर्भवती महिलाओं का अल्ट्रासाउंड नहीं हो रहा है। सीएचसी भटनी में अल्ट्रासाउंड मशीन लगी हुई है, लेकिन डॉक्टर के इस्तीफे के बाद गर्भवती महिलाओं को प्राइवेट में...

Tue, 22 July 2025 09:16 AMNewswrap हिन्दुस्तान, देवरिया
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देवरिया, निज संवाददाता। रेडियोलाजिस्ट के अभाव में गर्भवती व मरीजों का अल्ट्रासाउंड नहीं हो रहा है। मेडिकल कालेज के बाद सीएचसी भटनी में अल्ट्रासाउंड मशीन लगा है। लेकिन वहां पर अल्ट्रासाउंड करने वाली डाक्टर दो महीने पहले इस्तीफा देकर चली गई। गर्भवती व मरीजों को प्राइवेट में 7 सौ से 8 सौ रूपया देकर अल्ट्रासाउंड करना पड़ रहा है। महर्षि देवराहा बाबा मेडिकल कालेज में पुराने जिला महिला अस्पताल की इमरजेंसी में अल्ट्रासाउंड मशीन लगाया गया है। जहां पर डाक्टर के लिखने पर सामान्य मरीजों का अल्ट्रासाउंड किया जाता है। जबकि गर्भवती महिलाओं के लिए एमसीएच विंग में अलग से अल्ट्रासाउंड सेंटर बनाया जाता है।

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जहां पर सिर्फ गर्भवती का अल्ट्रासाउंड किया जाता है। दोनों सेंटरों पर मरीजों की संख्या अधिक होने पर सुबह से लाइन लगानी पड़ती है। इससे सबसे अधिक परेशानी गर्भवती मरीजो को होता है। वहीं जिले में 16 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र व 80 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र भी हैं। जहां पर ओपीडी में मरीजों को देखा जाता है। एकमात्र सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र भटनी में अल्ट्रासाउंड सेंटर बनाये गये हैं। जहां पर गर्भवती महिलाओं का अल्ट्रासाउंड किया जाता था। रेडियोलाजिस्ट की तैनाती नहीं होने से यहां पर तैनात गायनोलाजिस्ट डा. तौफीस फातिमा गर्भवती मरीजों की अल्ट्रासाउंड कर रही थी। इससे गर्भवती को प्राईवेट में नहीं जाना पड़ता था। लेकिन करीब दो माह पहले डा. फातिमा ने त्यागपत्र दे दिया। इसके बाद सीएचसी पर अल्ट्रासाउंड नहीं हो रहा है। गर्भवती मरीजों को प्राईवेट में अल्ट्रासाउंड कराने को जाना पड़ता है। जहां पर उनसे अल्ट्रासाउंड करने के नाम पर 700-800 रूपया वसूला जाता है। अभी तक अल्ट्रासाउंड करने वाले किसी डाक्टर की तैनाती नहीं होने से गर्भवती महिलाओं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। गर्भवती का मुफ्त अल्ट्रासाउंड को चयनित है 30 केंद्र जिले में सरकारी अल्ट्रासाउंड सेंटरों की कमी होने से सबसे अधिक गर्भवती को अल्ट्रासाउंड कराने में परेशानी हो रही थी। भीड़ अधिक होने व एक दिन में निर्धारित अल्ट्रासाउंड करने के चलते गर्भवती की सुविधा के लिए बाउचर स्कीम लागू किया गया है। इसमें डाक्टर के लिखने पर गर्भवती का प्राईवेट सेंटरों पर मुफ्ट अल्ट्रासाउंड करने को बाउचर जारी किया जाता है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले के 30 अल्ट्रासाउंड सेंटरों को चालू किया गया है। जहां पर बाउचर जारी होने के बाद गर्भवती का मुफ्त् अल्ट्रासाउंड किया जाता है। चयनिक सेंटर को स्वास्थ्य विभाग द्वारा भुगतान किया जाता है।