18 बेड के सेंटर पर 54 मरीजों की प्रतिदिन होती है डायलिसिस
Deoria News - देवरिया के मेडिकल कॉलेज में किडनी के मरीजों के लिए एक डायलिसिस सेंटर स्थापित किया गया है। यहां रोजाना 50 से 54 मरीजों का डायलिसिस किया जाता है, जिससे उन्हें गोरखपुर या लखनऊ जाने की जरूरत नहीं पड़ती।...

देवरिया, निज संवाददाता। मेडिकल कालेज में रोज किडनी के 54 मरीजों का डायलिसिस होता है। इसके लिए 18 बेड का डायलिसिस सेंटर पीपीपी माडल पर चल रहा है। मरीजों का डायलिसिस करने को डेढ़ दर्जन स्वस्थ कर्मी तैनात किये गये हैं। एक मरीज का डायलिसिस करने में चार घंटे का समय लगता है। मेडिकल कालेज परिसर में पुराने जिला अस्पताल के भवन में किडनी के मरीजों का डायलिसिस करने को पीपीपी मॉडल के तहत 18 बेड का सेंटर बनाया गया है। यहां पर रोज 50 से 54 मरीजों का डायलिसिस किया जाता है। सेंटर के खुलने से जिले के किडनी के मरीजों को गोरखपुर, लखनऊ नहीं जाना पड़ता है।
यहां पर बिहार प्रांत के मरीज भी पहुंचकर डायलिसिस करवाते है। मरीजों का डायलिसस करने को 18 स्वास्थ्य कर्मी तैनात किये गये हैं। उनकी 8-8 घंटे की तीन सिफ्ट में ड्यूटी रहती है। जिससे मरीजों की बेहतर देखभाल हो सके। इस केंद्र पर एक मरीज का डायलिसिस करने में चार घंटे का समय लगता है। डायलिसिस कराने पहुंचे मरीजों परिजनों के अनुसार उन्हे बार-बार डायलिसिस कराना पड़ता है, इस सेंटर के चलते उन्हे भाग दौड़ से निजात मिली है और पैसे की भी बचत होती है। मरीजों ने बताया कि डायलिसिस के लिए एक बार में 2 से 3 हजार रुपये लगते थे, लेकिन यहां पर निःशुल्क हो जाता है। इसका सबसे अधिक लाभ गरीब मरीजों को मिलता है। उन्हे गोरखपुर जाने से निजात मिली है। सेंटर पर जिले के अलावा बिहार राज्य के मरीज भी डायलिसिस कराने आते हैं। डायलिसिस सेंटर के प्रभारी कृष्णानंद पाण्डेय ने कहा आने वाले मरीजों का नंबर के अनुसार डायलिसिस किया जाता है। प्रतिदिन 50 से 54 मरीजों को डायलिसिस होता है।
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