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आस्था की डुबकी संग श्रद्धालुओं ने किया दान-पुण्य

बरहज। हिन्दुस्तान टीम मौनी अमावस्या स्नान पर्व पर गुरुवार को बरहज में सरयू तट...

आस्था की डुबकी संग श्रद्धालुओं ने किया दान-पुण्य
हिन्दुस्तान टीम,देवरियाFri, 12 Feb 2021 03:54 AM
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बरहज। हिन्दुस्तान टीम

मौनी अमावस्या स्नान पर्व पर गुरुवार को बरहज में सरयू तट पर आस्थावानों की भीड़ उमड़ पड़ी। नगर से लगायत जनपद व गैर जिले के कोने-कोने से आए हजारों श्रद्धालुओं ने मौन धारण कर नदी में आस्था की डुबकी लगाई। भक्ति से सराबोर हुए आस्थावानों ने तट पर पूजन-अर्चन कर श्रद्धा से दान-पुण्य किया। स्नान पर्व पर तट किनारे चले भजन-कीर्तन व उमड़े आस्था के जनसैलाब से तट का माहौल भक्तिमय हो उठा। इस दौरान बरहज नगरी छोटी काशी जैसी दिखी।

स्नान पर्व पर प्रात: काल से ही बरहज सरयू तट के रेतीले भाग में श्रद्धालुओं की भीड़ पहुंचने लगी। घाटों से पैदल रेतीले भाग में पहुंचे श्रद्धालुओं ने पूरी आस्था के साथ मौन धारण कर सरयू नदी में स्नान किया। स्नान बाद लोगों ने तट पर विधिवत पूजन-अर्चन कर परिवार के लिए मंगलकामना की। जहां मौजूद ब्राह्मणों से कथा श्रवण करने के बाद दान-पुण्य किया। लोगों ने नदी तट स्थित मंदिरों में मत्था टेक मन्नतें मांगी। बस स्टैण्ड से लेकर नदी तट के रेतीले भाग में सजाई गई पूजन-सामग्री, सौन्दर्य प्रसाधन, बच्चों के खिलौने समेत विविध दुकानों पर पहुंचे लोगों ने खरीदारी की।

सुरक्षा व्यवस्था को लेकर मुस्तैद दिखा प्रशासन

पुलिस की चाक चौबन्द व्यवस्था में लवरछी पेट्रोल पम्प बाइपास, तहसील तिराहा व रगरगंज तिराहा बाइपास से बड़े वाहनों को नगर में आने से रोक दिया गया। कस्बे के मुख्य चौक व प्राचीन हनुमान गढ़ी मंदिर के पास वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया। नदी तट पहुंचे मयफोर्स एसएचओ जयंत कुमार सिंह व एसआई राकेश पाण्डेय ने सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। नगर में विविध स्थानों पर तैनात फोर्स ने हर एक गतिविधियों पर नजर रखा। वहीं, कपरवार संगम तट व पैना के सतीहड़ा घाट पर भी श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई।

स्नान पर्व का महात्म्य

सार्वजनिक दुर्गा मंदिर बरहज के पुजारी पं. श्रीनिवास पाण्डेय, पं. कैलाश नाथ मिश्र व पं. दुर्गा मिश्र का कहना है कि माघ महीने के हर दिन को स्नान व दानादि के लिए बहुत की शुभ माना जाता है। लेकिन माघ मास के ठीक मध्य में अमावस्या के दिन नदी स्नान का कुछ विशेष ही महत्व होता है। मान्यता है कि इस दिन पवित्र नदी गंगा माता का जल अमृत के समान बन जाता है। आज के दिन मौन धारण करते हुए नदी स्नान करना कल्याणकारी है। इस दिन व्रतियों को मौन धारण कर दिन भर मुनियों-सा आचरण करने से मोक्ष प्राप्त होता है।

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