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बढ़ गया है हार्ट अटैक: मेडिकल कॉलेज में कार्डियो केयर यूनिट नहीं

Deoria News - देवरिया में हार्ट अटैक के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है, लेकिन महर्षि देवरहा बाबा चिकित्सा महाविद्यालय में इनका उपचार करने के लिए उचित सुविधाएँ नहीं हैं। इमरजेंसी में आने वाले रोगियों में से...

Newswrap हिन्दुस्तान, देवरियाFri, 7 Feb 2025 03:01 PM
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बढ़ गया है हार्ट अटैक: मेडिकल कॉलेज में कार्डियो केयर यूनिट नहीं

देवरिया, निज संवाददाता। हाल के दिनों में हार्ट अटैक के मामले बढ़ गए हैं। औसतन तीन से चार मामले आ रहे हैं लेकिन महर्षि देवरहा बाबा स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय हार्ट अटैक के रोगियों के इलाज की समुचित सुविधा उपलब्ध नहीं है। विषम स्थिति में रोगियों को हायर सेंटर रेफर करना पड़ता है। इसके चलते कई रोगियों की बीच रास्ते ही जान चली जाती है। मौसम के उतार चढ़ाव के बीच लोगों में बीपी की समस्या बढ़ गई है। इसके चलते हार्ट अटैक की संभावना बढ़ जाती है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि मेडिकल कालेज बनने के बाद भी यहां इंटेंसिव कार्डियो केयर यूनिट नहीं है। कालेज में कार्डियोलॉजिस्ट भी नहीं हैं। प्राचार्य डॉ. राजेश बरनवाल के अनुरोध पर कुछ दिन डॉ. अभिषेक अग्रवाल ने मेडिकल कालेज में अपनी सेवाएं दीं। बाद में वह छोड़कर चले गए। तबसे मेडिकल कालेज को कार्डियोलॉजिस्ट नहीं मिला है। हृदय संबंधी रोगियों को एमडी मेडिसीन चिकित्सक ही देखते हैं। प्रारंभिक तौर इलाज करने पर अगर रोगियों को राहत मिल गई तो ठीक, वरना डॉक्टर रोगियों को सीधे बीआरडी मेडिकल कालेज रेफर कर देते हैं। इसके चलते रोगियों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। दूसरी तरफ मेडिकल कालेज की इमरजेंसी में प्रतिदिन हृदय रोग के औसतन तीन-चार रोगी इलाज के लिए आते हैं। इमरजेंसी इंचार्ज डॉ. विजय गुप्ता ने बताया कि मेडिकल कालेज में आने वाले रोगियों में से 50 प्रतिशत रोगियों को उपलब्ध सुविधाओं से इलाज कर चिकित्सक बचा ले जाते हैं। बाकी के गंभीर रोगियों को हायर सेंटर रेफर करना पड़ता है।

जिला अस्पताल में था आईसीसीयू, अब समाप्त

मेडिकल कालेज बनने से पूर्व जिला अस्पताल में ब्लॅड बैंक के बगल में आईसीसीयू बना हुआ था। इसमें समस्त सुविधायें उपलब्ध थीं। वर्षों तक यहां कार्डियोलॉजिस्ट की तैनाती रही। महर्षि देवरहा बाबा स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय की स्थापना के समय पुराने भवनों को हटाने के क्रम में आईसीसीयू का भवन तोड़ दिया गया। इसके बाद सुविधा नहीं मिल पाई। इस बीच मेडिकल कालेज का शुभारंभ हो गया, पर कोई हृदय रोग का चिकित्सक या प्रोफेसर नहीं मिल पाया।

बिजली की गड़बड़ी से पैथालॉजी काउंटर रहा ठप

मेडिकल कालेज में पैथालॉजी काउंटर दोपहर दो बजे से लगभग 45 मिनट तक ठप रहा। काउंटर के कम्यूटरों का सर्वर से लिंक फेल होने के चलते यह दिक्कत आई। सूत्रों की मानें तो मेडिकल कालेज के पुराने भवन से होकर एक ऑप्टिकल फाइबर पैथालॉजी लैब और काउंटर के कम्प्यूटरों को जोड़ता है। इस तार को बीच में पावर सपोर्ट मिलता है। पुराने भवन में बिजली जाने के चलते इसका कनेक्शन फेल हो गया। इसके चलते काउंटर पर कार्य प्रभावित रहा। बाद में इंजीनियरों ने जेनरेटर से जोड़ा तब जाकर समस्या दूर हुई।

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मेडिकल कालेज में प्रतिदिन औसतन तीन रोगी हृदय रोग से पीड़ित आ रहे हैं। इनमे से आधे से अधिक रोगी यहीं ठीक हो जाते हैं। यहां कार्डियोलाजिस्ट नहीं होने से गंभीर रोगियों को प्राथमिक उपचार देकर हायर सेंटर रेफर कर दिया जाता है।

डॉ. आरके श्रीवास्तव, प्रभारी सीएमएस।

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