देवरिया टाउनहॉल स्थित नवनिर्मित प्रेक्षागृह के नामकरण को लेकर रार छिड़ गई है। सोमवार की देर रात किसी ने नगर पालिका की ओर से लिखे गए नाम को मिटाकर पूर्व सांसद मोहन सिंह का नाम लिख दिया। इस कृत्य से एक ओर जहां नगर पालिका प्रशासन में हड़कंप मचा है वहीं दूसरी ओर सभासदों में काफी आक्रोश है। इस मामले में कोई भी जिम्मेदार कुछ भी बोलने को तैयार नही है। घटना से आक्रोशित सभासदों का कहना है कि यह नगर पालिका प्रशासन की लापरवाही का नतीजा है।
17 जनवरी को नगर पालिका प्रशासन ने नवनिर्मित प्रेक्षागृह का नामकरण अटल के नाम पर कराया था। इसके अगले दिन सोमवार की रात किसी अज्ञात ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई का नाम मिटाकर स्व. मोहन सिंह का नामकरण कर दिया है। बीते सितंबर 2020 में इसी तरह किसी अज्ञात ने नवनिर्मित प्रेक्षागृह में रातो-रात स्वर्गीय मोहन सिंह की प्रतिमा स्थापित करते हुए उनका नाम प्रेक्षागृह पर लिख दिया था। इसके बाद भाजपा के सभासद खेमे में हड़कंप मच गया। कई सभासदों ने इसका विरोध करते हुए 21 दिसंबर 2019 में हुई बोर्ड की बैठक में पारित प्रस्ताव के अनुसार नवनिर्मित प्रेक्षागृह का नाम पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई के नाम पर करने की मांग की थी। दो बार हुई बोर्ड की बैठक में भी इसे लेकर सभासदों ने हंगामा किया था। सदन में पारित प्रस्ताव के अनुसार पालिका प्रशासन ने रविवार को स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेई का नाम प्रेक्षागृह पर अंकित कराया था। किसी अज्ञात की ओर से दोबारा किए गए ऐसे कृत्य से सियासत गरमा गई है।
सभासद नगर पालिका प्रशासन पर भी लापरवाही समेत तमाम आरोप लगा रहे हैं। सभासद वीरेंद्र कुमार सिंह, नित्यानंद पांडेय, रमेश वर्मा, अरुणेश कुमार राय, लीलावती विश्वकर्मा समेत आशुतोष त्रिपाठी, दिनेश शुक्ल, अमित मिश्रा, अजय सिंह, अजय गुप्ता, गोविंद चौरसिया, चंद्रशेखर गुप्त ने इस प्रकरण में उच्चाधिकारियों से जांच कर कार्रवाई की मांग की है। सभासदों का आरोप है कि इस मामले में नगरपालिका के जिम्मेदार भी मिले हुए हैं। हालांकि इस मामले में नगर पालिका अध्यक्ष अलका सिंह व ईओ रोहित सिंह से संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन किसी जिम्मेदार ने फोन नहीं उठाया।
मोहन सिंह की ढ़की प्रतिमा खोला, कैमरे से भी छेड़छाड़
नवनिर्मित प्रेक्षागृह का नामकरण मोहन सिंह के नाम पर करते हुए उनकी ढकी हुई प्रतिमा को भी खोल दिया गया है। अब बाहर से ही पूरी प्रतिमा दिख रही है। इसके साथ ही प्रेक्षागृह के बाहर लगाए गए कैमरे से छेड़छाड़ करते हुए ऊपर कर दिया जिससे यह कारनामा कैमरे की नजर से दूर रहे। हैरानी की बात है कि इसी प्रांगण में ईओ रोहित सिंह का आवास भी है। जहां के सिक्योरिटी गार्ड भी तैनात रहता है। बावजूद इसके किसी को घटना की भनक नहीं लगी।
प्रेक्षागृह के पास पुलिस तैनात
देर रात प्रेक्षागृह का नाम बदले जाने की खबर प्रशासन को हो गई थी। इसके बाद हंगामे की आशंका को देखते हुए रात में ही टाउन हॉल परिसर में पुलिस लगा दी गई। कोतवाल राजू सिंह ने बताया कि टाउनहॉल में दो दरोगा और 10 सिपाहियों की ड्यूटी लगा दी गई है। वे दो शिफ्ट में वहां पर ड्यूटी कर रहे हैं।