मेडिकल कॉलेज में कम्प्यूटरीकृत होगी ओपीडी, मरीजों को होगी सहूलियत
महर्षि देवरहा बाबा स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय की ओपीडी अब कम्प्यूटराइज्ड होगी, जिससे रोगियों के इलाज और स्वास्थ्य में परिवर्तन का विवरण रखा जा सकेगा।
देवरिया, शशिकांत मिश्र। महर्षि देवरहा बाबा स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय की ओपीडी अब कम्प्यूटराइज्ड होगी। इसके प्रयास शुरू कर दिए गए हैं। इसके कम्प्यूटरीकृत होने से रोगियों के इलाज और उनके स्वास्थ्य में होने वाले परिवर्तन का विवरण रखा जा सकेगा। इससे चिकित्सक व रोगी दोनों का सहूलियत होगी।
मेडिकल कालेज निरंतर स्वयं को अपग्रेड करने में लगा हुआ है। यहां रोगी हित में सुविधाओं में निरंतर बढ़ोत्तरी की जा रही है। कालेज प्रशासन ने मेडिकल कालेज को एचएमआईएस से अस्पताल को जोड़ रखा है। अभी कालेज के रजिस्ट्रेशन और पैथालाजी को एचएमआईएस से जोड़ा गया है। अब ओपीडी, वार्ड, औषधि काउंटर से लेकर स्टोर तक को एचएमआईएस सिस्टम से जोड़ने की तैयारी है। इसके लिए हर जगह कम्यूटर लगाए जाएंगे। हर डॉक्टर के टेबल पर कम्प्यूटर लग जाएगा। इसके लगने से इलाज से लेकर दवा लेने तक हर जगह रोगी को आसानी होगी। काउंटर पर रजिस्ट्रेशन कराने के बाद डॉक्टर के पास रोगी का डिटेल पहुंच जाएगी। ओपीडी में प्रवेश करते ही रोगी अपना सीआर नंबर बताएगा। डॉक्टर अपने कम्प्यूटर में जैसे ही सीआर नंबर डालेगा। रोगी का विवरण स्क्रीन पर दिखने लगेगा। डॉक्टर रोगी का परीक्षण करने के बाद उसका विवरण कम्प्यूटर पर भर देंगे। प्रिसिक्रिप्शन भी दर्ज कर देंगे। रोगी को जांच से लेकर जो भी जरुरत होगी।
रोगी जैसे ही पर्ची लेकर दवा काउंटर पर पहुंचेगा। उसका सीआर नंबर भरते ही कम्प्यूटर पर प्रिसिक्रिप्शन की दवा दिखा जाएगी। फार्मासिस्ट उसे दवा दे देगा। अगर रोगी वार्ड में भर्ती करने योग्य होगा उसे कम्प्यूटर से ही वार्ड में बेड आरक्षित हो जाएगा। वार्ड में जाते ही उसका विवरण वहां बैठे चिकित्सक व स्टॉफ नर्स देख सकेंगे। इससे रोगियों को सुविधा मिलेगी। कार्य में तेजी आएगी। ओपीडी और औषधि काउंटर पर लगने वाली कतार कम हो जाएगी। साथ ही कोई भी डॉक्टर ओपीडी में बैठा होगा, उसको रोगी का पूरा विवरण स्क्रीन पर दिख जाएगा। इससे रोगी की हिस्ट्री पता लग जाएगी। संबंधित अन्य चिकित्सक भी रोगी का इलाज कर सकेंगे।
ओटी में भी लगेगा कम्प्यूटर
मेडिकल कालेज के आपरेशन थियेटर को भी कम्प्यूटर से जोड़ा जाएगा। इसके लिए पांच कम्प्यूटर लगाए जाएंगे। इससे आपरेशन की डेट डॉक्टर निर्धारित करेंगे तो वह ओटी में पता चलेगा। इसके हिसाब से अधीनस्थ पूरी तैयारी करके रखेंगे। इससे लोगों को सहूलियत होगी। वहीं रोगी के बारे में हर एक जानकारी अपडेट रहेगी।
कॉलेज प्रशासन खरीदेगा और कंप्यूटर
मेडिकल कालेज प्रशासन को कम्प्यूटराइजेशन के लिए 70 से अधिक कम्प्यूटरों की जरुरत है। इसमें से 50 कम्प्यूटर पहले से मौजूद हैं। बाकी के कम्प्यूटरों की व्यवस्था कालेज प्रशासन को करनी है। कुछ प्रिंटर भी खरीदे जाएंगे। इसमें अभी समय लग सकता है। इसके बाद कम्प्यूटराइजेशन के काम में तेजी आएगी।
आभा एप से बिना कतार ले सकते हैं पर्ची
मोबाइल में आभा एप डाउनलोड करके रोगी इससे जुडे प्रदेश के 22 मेडिकल कालेजों में से किसी भी जगह दिखाने के लिए अपना पंजीकरण स्वयं कर सकते हैं। इसके बाद एक कोड रोगी के मोबाइल में आएगा। इसको आभा पंजीकरण काउंटर पर बता कर एक रुपया देने के बाद काउंटर से पर्ची मिल जाएगी। इससे कतार लगाने से मुक्ति मिल जाएगी।
बोले प्राचार्य
मेडिकल कॉलेज को पूरी तरह से कम्प्यूटरीकृत किया जा रहा है। ओपीडी से लेकर वार्ड तक कम्प्यूटर लगाए जाएंगे। रजिस्ट्रेशन होने के बाद मरीज का पर्चा सीधे डॉक्टर के चैम्बर में निकल जाएगा। इलाज के बाद मरीज का पूरा विवरण आनलाइन दर्ज किया जाएगा। इससे बाद में उसे आने पर डॉक्टर उसकी पूरी हिस्ट्री एक क्लिक में देख लेंगे। इससे इलाज में काफी सहूलियत होगी।
- डॉ. राजेश बरनवाल, प्राचार्य मेडिकल कॉलेज।
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