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गौरीबाजार रेलवे क्रासिंग बंद होने के विरोध में व्यापारियों का प्रदर्शन 

देवरिया के गौरीबाजार के पूर्वी रेलवे ढाले को बंद किए जाने की आहट मिलते ही नगर के व्यापारी सड़क पर उतर आए। प्रदर्शन करने के साथ सदर विधायक से मिले। व्यापारियों का की मांग है कस्बा के पूर्वी रेलवे ढाले...

गौरीबाजार रेलवे क्रासिंग बंद होने के विरोध में व्यापारियों का प्रदर्शन 
हिन्‍दुस्‍तान टीम ,देवरियाSat, 25 Jan 2020 07:05 PM
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देवरिया के गौरीबाजार के पूर्वी रेलवे ढाले को बंद किए जाने की आहट मिलते ही नगर के व्यापारी सड़क पर उतर आए। प्रदर्शन करने के साथ सदर विधायक से मिले। व्यापारियों का की मांग है कस्बा के पूर्वी रेलवे ढाले को बंद न किया जाय। ढाले के बंद होने की दशा में यहां अन्डरपास बनाया जाय। सदर विधायक ने रेलवे प्रशासन को व्यापारियों की मांग से अवगत कराने का आश्वासन दिया।

गौरीबाजार के पूर्वी रेलवे ढाले पर ओवरब्रिज बनने के बाद रेलवे ने इसे बंद करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। पिछले साल 18 मई को प्रशासन की मौजूदगी में रेलवे व स्थानीय पुलिस ढाला बंद कराने पहुंची तो व्यापारियों के विरोध के चलते वापस लौटना पड़ा था। सदर विधायक जन्मेजय सिंह के पहल पर प्रशासन ने मामले को टाल दिया था। इसके बाद जनप्रतिनिधियों के सहयोग से ढाले को खुला रखने या अन्डरपास निर्माण के लिए व्यापारियों ने दिल्ली जाकर रेलमंत्री तक से भेंट कर पत्रक सौंपा था। 

एक बार फिर 31 जनवरी को गौरीबाजार के 139 स्पेशल ए पूर्वी रेलवे क्रासिंग के बंद होने की भनक लगते ही व्यापारी शनिवार को सड़क पर उतर आ आए। प्रदर्शन करने के बाद सदर विधायक से मुलाकात कर रेलवे ढाले के बंद होने की दशा में अंडरपास बनाने की मांग किया। सदर विधायक ने व्यापारियों की मांग से रेलवे प्रशासन को अवगत कराने का आश्वासन दिया।

धंधा चौपट होने की वजह बता रहे है व्यापारी
क्रासिंग बंद किए जाने का विरोध कर रहे सत्यम जायसवाल, पूर्व चेयरमैन विजय कुमार सैनी, रविंद्र नाथ जायसवाल,विद्यासागर जयसवाल, मुन्ना गुप्ता, रविंद्र यादव, लक्ष्मण सिंह प्रदीप मद्धेशिया, सीताराम गुप्ता, संतोष मद्धेशिया, अनूप, अजय, शिवकुमार, दीनदयाल मद्धेशिया, घनश्याम मद्धेशिया, अरुण, मोनू जयसवाल, सीताराम मद्धेशिया, मनोज वर्मा, डीके मोदनवाल आदि व्यापारियों का कहना है कि रेलवे लाइन के दोनों तरफ कस्बा की बराबर आबादी है। दोनों तरफ मार्केट है। रेलवे क्रासिंग के सिवाय दोनों तरफ के मुहल्लों में आने-जाने के लिए कोई दूसरा लिंक रोड नहीं है। क्रासिंग बंद हो जाने से कस्बा दो हिस्से में बंट जाएगा। दूर दराज के ग्राहकों का आना बंद हो जाएगा। इससे व्यापार चौपट होने पर व्यापारियों के सामने रोजी रोटी का संकट उत्पन्न हो जाएगा।

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