जैविक खेती के बढ़ावा देने को किसानों को कराया भ्रमण
चित्रकूट। निज संवाददाता पर्यावरण प्रदूषण एवं मृदा में रासायनिक उर्वरकों, कीटनाशकों के प्रयोग की...
चित्रकूट। निज संवाददाता
पर्यावरण प्रदूषण एवं मृदा में रासायनिक उर्वरकों, कीटनाशकों के प्रयोग की वजह से मानव, पशु-पक्षी के साथ ही मृदा के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। पर्यावरण प्रदूषण रोकने व मृदा की उर्वरता के साथ उत्पादकता बढ़ाने, गुणवक्तायुक्त फसल उत्पादन के उद्देश्य से कृषि विभाग ने परंपरागत कृषि विकास योजना के तहत पांचों ब्लाकों के 18 कलस्टरों के किसानों को जैविक खेती का प्रशिक्षण दिया।
विभाग ने पहाड़ी के 6 जैविक ग्रामों के 300 कृषकों को कृषि विज्ञान केन्द्र गनीवा, मानिकपुर के कृषकों को शोभन सरकार बायो एनर्जी फार्मर्स ऐचवारा, कर्वी के कृषकों को श्याम कामधेनु डेरी एवं जैविक फार्म चकला राजरानी में भ्रमण कराया। यहां पर संचालक योगेश जैन व उप कृषि निदेशक टीपी शाही ने किसानों को जैविक खेती की जानकारी दी। किसान योगेश जैन ने कहा कि उनके फार्म पर वर्ष भर आय प्राप्त करने वाले संसाधन विकसित किए गए हैं। इस तरह से खेती करके किसान अच्छा उत्पादन से आय अर्जित कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष भर कृषि उत्पादों फल, फूल, मसाला एवं खाद्यान व दूध की विक्री कर आमदनी बढ़ाई जा सकती है। धान की पराली को काटकर हरे चारे के साथ मिलाकर पशुओं को खिलाने से पशु आहार की समस्या खत्म हुई है। उप कृषि निदेशक ने उद्यानीकरण, वनीकरण मसाला खेती की तकनीकि विधि, अच्छी देशी ब्रीड की साहीवाल थार पारकर गिरि गाय के रखरखाव व व्यवस्था की जानकारी दी। साथ ही बिना उर्वरकों व कीटनाशकों के प्रयोग एवं जैविक खादों से बोई गई रबी फसलों के संबंध में अवगत कराया। उन्होंने गौमूत्र, गाय गोबर व गुड़ इत्यादि से जीवामृत बनाने की विधि का भी प्रदर्शन दिखाया। इस दौरान राजेंद्र सिंह, जयराम अनुरागी, धीरेन्द्र यादव, मुनेश बागरी, श्रीकान्त चौरिहा, गोविंद सोनकर, भागीरथ, हीरालाल, रेवती रमन त्रिपाठी आदि मौजूद रहे।