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बेटे से तिरस्कृत वृद्धा भीख मांगने को मजबूर

बहू-बेटे से तिरस्कृत वृद्ध बेवा दिव्यांग महिला को किसी सरकारी योजना का लाभ नहीं मिला। कार्यालयों के चक्कर लगाने के दौरान महिला को अवारा घूम रहे सांड ने गिरा दिया। जिससे उसकी कमर टूट गई। लेकिन अभी भी...

बेटे से तिरस्कृत वृद्धा भीख मांगने को मजबूर
हिन्दुस्तान टीम,चित्रकूटFri, 14 Feb 2020 10:49 PM
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बहू-बेटे से तिरस्कृत वृद्ध बेवा दिव्यांग महिला को किसी सरकारी योजना का लाभ नहीं मिला। कार्यालयों के चक्कर लगाने के दौरान महिला को अवारा घूम रहे सांड ने गिरा दिया। जिससे उसकी कमर टूट गई। लेकिन अभी भी वह घिसटकर योजनाओं के लाभ को दौड रही है। पेट की आग बुझाने को उसे भीख मांगना पड़ रहा है।

क्षेत्र के गांव पराकों के कुसियापुरवा की दिव्यांग बुजुर्ग महिला कंचनिया पत्नी स्व घुम्मा बहू व बेटे से तिरस्कृत होने पर भीख मांगकर जीवन यापन को मजबूर है। वह चलने फिरने में पूरी तरह अक्षम हैं। ट्राई साइकिल के लिए तहसील से लेकर जिला मुख्यालय तक चक्कर काट चुकी हैं। लेकिन अभी तक उसे साइकिल नही मिली है। वृद्धा ने बताया कि आठ वर्ष पूर्व पति का देहांत हो गया है। वारिश में कच्चा मकान पूरी तरह ध्वस्त हो गया हैं। ऐसे में खटवारा रोड के टीन शेड के नीचे एक पड़ोसी के यहां रहने को मजबूर है। बताया कि आनलइन कराकर राशन कार्ड के दस्तावेज कोटेदार को दिया है लेकिन अभी तक राशन कार्ड नही बना हैं। राशन कार्ड बनवाने की मांग पर कोटेदार भी फटकार कर भगा देता है। बेटा व बहु किसी तरह की मदद नहीं कर रहे हैं। पूरी तरह दिव्यांग होने के चलते चलने में पूरी तरह से असमर्थ है। एक सांड के गिरा देने से कमर भी टूट गई है। डीएम से ट्राईसाइकिल व राशन कार्ड दिलाने की गुहर लगाई है।

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