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जीवन की आचार संहिता सामान है रामचरित मानस

रामायण मेला समारोह के तीसरे दिन छिंदवाड़ा के विद्वान सीताराम शरण रामायणी ने श्रीराम और रामायण के बखान में कहा कि मानस की चौपाईयां ही मंत्र हैं। रामचरित मानस आदर्श जीवन के लिए आचार संहिता के समान है।...

जीवन की आचार संहिता सामान है रामचरित मानस
हिन्दुस्तान टीम,चित्रकूटSun, 23 Feb 2020 10:52 PM
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रामायण मेला समारोह के तीसरे दिन छिंदवाड़ा के विद्वान सीताराम शरण रामायणी ने श्रीराम और रामायण के बखान में कहा कि मानस की चौपाईयां ही मंत्र हैं। रामचरित मानस आदर्श जीवन के लिए आचार संहिता के समान है। मनुष्य मानस की एक चौपाई को भी जीवन में उतार ले तो उसका जीवन भवसागर पार हो जाएगा। उन्होंने कहा कि 'परहित सरिस धरम नहिं भाई, पर पीड़ा सम नहिं अधमाई' दूसरों की भलाई के समान कोई दूसरा धर्म नहीं है और दूसरों को पीड़ा पहुंचाने के समान कोई अधर्म नहीं है।

रविवार को रामायण मेला समारोह में झांसी की मानस मंदाकिनी ने कहा कि प्रभु श्रीराम से लगन लग जाने पर जीवन का सुधार हो जाता है। ऐसे में श्रीराम के प्रति समर्पित होकर जीवन जीने की जरूरत है। प्रयागराज के डा सीताराम सिंह विश्वबंधु ने कहाकि रामचरितमानस से शिक्षा ग्रहण कर मर्यादा पूर्ण जीवन जीना चाहिए। भगवान श्रीराम मर्यादा पुरुषोत्तम है और वर्तमान समय मर्यादा का हनन हो रहा है। विद्यालयों में नैतिक शिक्षा दिए जाने की जरूरत है। महोबा के व्यास जगजीवन प्रसाद तिवारी ने 'बिनु सतसंग बिबेक न होई। राम कृपा बिनु सुलभ न सोई चौपाई के माध्यम से सत्संग की महिमा का वर्णन किया। रामकथा व्यास मानस किंकर सनत कुमार मिश्र ने हनुमान जी की पूंछ को प्रतिष्ठा वाली बताते हुए हनुमान को विद्या, बल और करुणा का सागर बताया। मानस मर्मज्ञ बरद्वारा के माताबदल यादव ने हनुमान जी की पूंछ के बारे में बताया कि जब भगवान शंकर अपना रुप बदलकर हनुमान जी के रुप में आये तो उस समय माता पार्वती शंकर जी साथ में आने के लिए तैयार हुईं। शंकर जी ने पूछा कि किस रुप में और क्यों चलेंगी तो मां पार्वती ने कहा कि पूंछ उनके चलने पर ही संभव है क्योंकि बिना शक्ति के किसी की पंूछ नहीं होती ही नहीं है।

श्रीकृष्ण लीलाओं की हुई मनमोहक प्रस्तुतियां

रामायण मेला की तीसरी सन्ध्या में देर रात तक सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धूम रही। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के कलाकारों ने सर्वेश श्रीवास्तव की अगुवाई में भजमन रामचरण सुखदाई पेश किया। महिला कलाकारांे ने राम रतन धन पायो जैसे कई भजनों पेश किए। गंधर्व कल्चरल आर्गेनाइजेशन के कलाकार पं जगदीश शर्मा की अगुवाई में रघुनंद आनंद कंद कौशल चंद्र दशरथ नंदनम की मनमोहक प्रस्तुति दी। प्रयागराज की पूर्णिमा कुमार ने ढेढ़िया लोकनृत्य व वृंदावन के रसाचार्य देवकीनंदन शर्मा की अगुवाई में रासमंडली ने भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं का सजीव प्रस्तुतीकरण किया।

आज आएंगे अनूप जलोटा

रामायण मेला समारोह में सोमवार 24 फरवरी को भजन गायक अनूप जलोटा मेला परिसर को रामभक्ति में सराबोर करेंगे। वहीं रामायण मेला के समापन के दिन 25 फरवरी को गायिका मालिनी अवस्थी भजन पेश करेंगी।

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