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बालू खनन में मशीनों का किया जा रहा बेधड़क प्रयोग

जिले में बालू खदान हो या फिर पहाड़ का पट्टा। दोनों ही जगह बेधड़क तरीके से पोकलैंड व जेसीबी का प्रयोग किया जा रहा है। राजापुर तहसील क्षेत्र के यमुना नदी में संचालित चांदीघाट खदान में कई पोकलैंड व जेसीबी...

बालू खनन में मशीनों का किया जा रहा बेधड़क प्रयोग
हिन्दुस्तान टीम,चित्रकूटTue, 21 May 2019 09:59 PM
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जिले में बालू खदान हो या फिर पहाड़ का पट्टा। दोनों ही जगह बेधड़क तरीके से पोकलैंड व जेसीबी का प्रयोग किया जा रहा है। राजापुर तहसील क्षेत्र के यमुना नदी में संचालित चांदीघाट खदान में कई पोकलैंड व जेसीबी मशीनें लगी हुई है। मशीनों से खनन के दौरान होने वाले गहरे गड्ढे अब नजदीकी गांव में रहने वाले लोगों के लिए जानलेवा साबित होने लगे है। एनजीटी के नियमों की अनदेखी कर लगी मशीनों को लेकर जिम्मेदार खामोशी साधे हुए है।

जनपद में मौजूदा समय पर चार बालू खदानें ही संचालित है। इनमें सर्वाधिक चांदीघाट में जोरों से खनन किया जा रहा है। वैसे तो जिले में खनन के 14 पट्टे हुए थे। लेकिन ज्यादातर पट्टेदारों ने बालू न होने का बहाना करते हुए खनन बंद कर दिया था। इनके खिलाफ जिला प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए जमानत राशि जब्त करते हुए नोटिस भी जारी की थी। इस तरह से अब जिले में केवल चांदीघाट, ममसी, गडौली व साईंपुर संचालित है। करीब एक सैकड़ा हेक्टेयर से अधिक रकबे वाली चांदीघाट खदान में इस समय कई पोकलैंड व जेसीबी मशीनें लगाकर खनन किया जा रहा है। बताते है कि मशीनों के जरिए यमुना की रेत में बड़े-बड़े गहरे गड्ढे कर दिए गए है। यही गड्ढे अब मौत के कुएं साबित हो रहे है। बीते रविवार की देर शाम को बालू खदान में काम करते समय गड्ढे में गिरकर किशोर की मौत हो गई थी। जिसको पुलिस प्रशासन ने स्थानीय ठेकेदार की मिलीभगत के चलते दूसरा रूप देते हुए मामले को रफादफा करने का पूरा प्रयास किया है। खास बात यह है कि एनजीटी के नियमों के मुताबिक खनन में मशीनों का प्रयोग पूरी तरह से प्रतिबंधित है। मानव श्रम कर बालू खनन के निर्देश है। फिर भी जिम्मेदारों की मिलीभगत से बालू खदानों में मशीनों का प्रयोग बेधड़क किया जा रहा है। आलम यह है कि प्रत्येक खदान में तीन से चार पोकलैंड मशीनें लगी हुई है। जिनके जरिए नदी की जलधारा के भीतर से भी बालू निकाली जाती है।

पुलिस प्रशासन की छत्रछाया में चल रहा कारोबार

एनजीटी के नियमों के पालक इस अवैध खनन के रक्षक है। पुलिस प्रशासन पूरी तरह छत्रछाया दिए हुए है। सूत्रों की मानें तो आम लोगों की शिकायत पर नियम व कानून का पाठ पढ़ाया जाता है। जबकि ठेकेदार व उनके गुर्गों की शिकायत पर पुलिस व प्रशासन आम से खास तक को कार्रवाई की धमकी दे डालते है।

किशोर की मौत स्नान करते समय हुई है। खनन के दौरान हुए गड्डे से उसकी मौत नहीं हुई है। मशीन के प्रयोग को लेकर कहा कि प्रशासन के नियमों पर ही मशीनों का प्रयोग किया जा रहा है। खनन में किसी तरह से भी नियमों की अनदेखी नहीं की जा रही है।

मिथलेश पांडेय, खनिज अधिकारी

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