रामघाट में जगमगाए दीप, श्रद्धालुओं का रहा जमावड़ा
देवोत्थान एकादशी में भगवान राम की तपोभूमि धर्मनगरी चित्रकूट एक बार फिर दीपों से जगमगा उठी। शाम को रामघाट व राघवघाट में दीप जलाने की व्यवस्था नगर पालिका के जरिए जिला प्रशासन ने कराई थी। इस बार 21 हजार...
देवोत्थान एकादशी में भगवान राम की तपोभूमि धर्मनगरी चित्रकूट एक बार फिर दीपों से जगमगा उठी। शाम को रामघाट व राघवघाट में दीप जलाने की व्यवस्था नगर पालिका के जरिए जिला प्रशासन ने कराई थी। इस बार 21 हजार दीपों से रामघाट जगमगाया। हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने दीप जलाने के लिए हिस्सा लिया। प्रशासन की ओर से सुरक्षा के इंतजाम भी किए गए थे। रामघाट की सीढ़ियों में जलते और मंदाकिनी नदी की हिलोरों में बलखाते बहते दीए का अद्भुत नजारा देख श्रद्धालु भक्तिभाव में डूबे नजर आए। भक्तों ने कामतानाथ की परिक्रमा भी लगाई। वहीं त्योहार को लेकर बाजार में उत्लास रहा।
भगवान राम की तपोस्थली धर्मनगरी चित्रकूट में दीपदान का अपना अलग ही महत्व है। सोमवार को शाम को हजारों की भीड़ रामघाट में जमा हो गई। यूपी और एमपी की सीमाएं बंधी नही रही। प्रशासनिक अफसर भी रामघाट में जुटे। नगर पालिका ने दीपदान के लिए व्यवस्थाएं कराईं। घाट को रंगोली से सजाया गया था। श्रद्धालुओं ने यहां विधि विधान से पूजा के बाद मां मंदाकिनी की आरती कर दीपदान किया। यहां इस बार 21 हजार की संख्या में दीए एक साथ जलाए गए। इसी तरह मप्र के राघवघाट में गंगा पूजन कर दीप प्रज्वलित किए गए तो भरतघाट व रामघाट के बीच मंदाकिनी में फूलांे की माला चढ़ाई गई। भरतघाट मंे दीए जलाकर लोगांे ने गंगा पूजन किया। रामघाट में गंगा पूजन के लिए भारी भीड़ जुटी। यहां भी गंगा आरती के बाद दीपदान हुआ। मंदाकिनी नदी के दोनों घाटों पर हजारो लोग जलते दीपक लेकर दीपदान को उतर पड़े। तीर्थ क्षेत्र के देवालय, शिवालय और तमाम मठ मंदिर भी दीपों से रोशन हो उठे। शंख, घंटो की गूंज से माहौल भक्तिमय हो गया। श्रद्धालुओं ने कामतानाथ की परिक्रमा भी की।
गन्ने की जमकर हुई विक्री, खरीदार उमडे़
देवत्थान एकादशी में सुबह से ही जगह-जगह गन्ना की विक्री शुरू हुई। ग्रामीण अंचलांे से लोग शहर में गन्ना लेकर आए थे। जगह-जगह चौराहों में दिन भर विक्री होती रही। देवोत्थान में गन्ना का विशेष महत्व है। प्रत्येक घर से लोग आकर गन्ना खरीदते है। इसके लिए देर शाम तक लोगों की भीड़ जुटी रही। धर्मनगरी चित्रकूट में जगह-जगह गन्ना की विक्री होती रही। शाम को लोगों ने अपने-अपने घरों में दीपक जलाए। देवोत्थान एकादशी की वजह से आतिशबाजी भी हुई।
दीवारी नृत्य ने सभी का मन मोहा
सोमवार को देवोत्थान एकादशी के मौके में धर्मनगरी चित्रकूट में दीवारी नृत्य की धूम रही। सुबह से ही गांवों से आई टोलियों ने कामतानाथ परिक्रमा मार्ग में जमकर दीवारी नृत्य का प्रदर्शन किया। एक ही रंग के वस्त्र पहनकर आई टीमों ने जमकर लाठियां चटकाई। दीवारी नृत्य देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ी हुई थी। चित्रकूट में दीपदान मेले से लेकर देवोत्थान एकादशी तक दीवारी नृत्य का दौर चलता है।