
विदेश में नौकरी का विज्ञापन निकाल बेरोजगारों को ठगा, बनाई फर्जी प्लेसमेंट एजेंसी; 7 गिरफ्तार
संक्षेप: 1500 लोगों से 3 करोड़ से अधिक की ठगी की गई है। आरोपियों के पास से तीन एटीएम कार्ड मिले हैं। बैंक खाते खंगाले जा रहे हैं। ठगी की रकम किराए के खातों में आती थी। गरीब वर्ग के लोगों को मासिक आमदनी का झांसा देकर शातिर उनके नाम खाता खुलवाते थे। बाद में उन खातों को खुद संचालित करते थे।
यूपी के आगरा के संजय प्लेस (हरीपर्वत) में फर्जी प्लेसमेंट एजेंसी के जरिये ओमान, कुवैत और अजरबैजान में नौकरी का झांसा देकर ठगने वाले गिरोह का पुलिस ने खुलासा किया है। पुलिस ने शुक्रवार को छापा मारकर सरगना समेत सात ठगों को गिरफ्तार कर लिया।

डीसीपी सिटी सोनम कुमार ने बताया कि संजय प्लेस स्थित सत्यम कॉम्पलेक्स में एसआई ओवरसीज के नाम से सात दिन पहले फर्जी प्लेसमेंट एजेंसी खोली गई थी। विज्ञापन देकर बेरोजगारों से बड़े पैमाने पर ठगी की गई। पुलिस का दावा है कि आरोपित 12 राज्यों के 1500 से अधिक लोगों से तीन करोड़ की ठगी कर चुके हैं।
सर्विलांस टीम सिटी जोन को सूचना मिली थी कि पूर्व में जियान आ होली इंटरनेशनल के नाम से विदेशों में नौकरी के नाम पर ठगने वाले शातिर आगरा में फिर से सक्रिय हैं। हरीपर्वत पुलिस ने जांच के बाद दबिश देकर संजय प्लेस से सात लोगों को दबोचा। वे ऑफिस में कॉलिंग के लिए युवती की तलाश कर रहे थे। आरोपियों ने पूर्व में मुस्कान और निशा नाम की युवतियों को काम पर रखा था। इस बार भी मुस्कान से संपर्क किया। आठ हजार वेतन की बात कही मगर उसने नौकरी करने से मना कर दिया।
ठगी की रकम की जांच
पुलिस का दावा है कि 1500 लोगों से तीन करोड़ से अधिक की ठगी की गई है। आरोपियों के पास से तीन एटीएम कार्ड मिले हैं। बैंक खाते खंगाले जा रहे हैं। ठगी की रकम किराए के खातों में आती थी। गरीब वर्ग के लोगों को मासिक आमदनी का झांसा देकर शातिर उनके नाम खाता खुलवाते थे। बाद में उन खातों को खुद संचालित करते थे।
नौकरी के नाम पर 12 राज्यों के 15 सौ लोगों को बनाया शिकार
संजय प्लेस में फर्जी प्लेसमेंट एजेंसी के पकड़ में आने के बाद खलबली मची है। एडीसीपी सिटी आदित्य सिंह ने बताया कि आरोपित बेहद शातिर हैं। विदेशों में नौकरी के लिए यूट्यूब, फेसबुक व इंस्टाग्राम पर विज्ञापन देते थे। उनमें जो नंबर देते थे, वो फर्जी आईडी पर लिए जाते थे। विदेश में प्लंबर, बिजली मिस्त्री, ड्राइवर, हैवी ड्राइवर, वेल्डर, फिटर, पेंटर, क्रेन ऑपरेटर, सिक्योरिटी गार्ड, सीसीटीवी ऑपरेटर की नौकरी का विज्ञापन निकालते थे।
लोगों को बताते थे कि उनकी प्लेसमेंट एजेंसी का विदेश की कई बड़ी कंपनियों से संबंध हैं। वे उन्हें सस्ते दामों पर कर्मचारी मुहैया कराते हैं। इसके एवज में कमीशन मिलता है। शातिर एक व्यक्ति से वीजा के नाम पर 45 हजार रुपये तक की ठगी करते थे।
पहले आवेदक के घर फर्जी ऑफर लेटर भेजते थे, ताकि उसे देखकर उसे लगे कि नौकरी लगने वाली है। उसके बाद आवेदन उनसे संपर्क करता था। वीजा दिलाने से पहले पासपोर्ट और मूल आधार कार्ड जमा कराते थे। फर्जी वीजा तैयार करते थे। दूतावास की फर्जी मोहर लगाते थे। वीजा और ऑफर लेटर लेकर जब आवेदक दूतावास जाता था तब उसे पता चलता था कि उसके साथ ठगी हो गई। जब तक पीड़ित पुलिस से शिकायत करता था शातिर ऑफिस बंद करके भाग चुके होते थे।
फर्जी दस्तावेज से करते थे किराए का एग्रीमेंट
आरोपियों ने पुलिस को बताया कि वह फंसने की कोई गुंजाइश नहीं छोड़ते थे। किसी भी भीड़भाड़ वाले इलाके में तीसरी मंजिल पर ऑफिस खोलते थे। वीजा दिलाने के लिए कम से कम दो से तीन महीने का समय मांगा करते थे। इस दौरान जितने भी लोगों को जाल में फंसा लेते थे, उनसे रकम लेकर रफूचक्कर हो जाते थे। किराए पर ऑफिस का एग्रीमेंट भी फर्जी दस्तावेज से करते थे।
इन्हें किया गया है गिरफ्तार
अंकित गुप्ता (पूर्वी दिल्ली), काम- कॉलिंग करना और फर्जी ऑफर लेटर तैयार करना
विजय कुमार (शाहदरा, दिल्ली), काम- कॉलिंग करना
विशाल मेहता (पूर्वी दिल्ली), काम- गाड़ी चलाना
राजेश शर्मा (शाहदरा, उत्तर पूर्वी दिल्ली), काम- कॉलिंग करना
नवनीत जैन (बलवीर नगर, दिल्ली), काम- ऑफर लेटर व फर्जी वीजा तैयार करना
रजनीकांत उर्फ लल्ला (मधु विहार पूर्वी दिल्ली), काम- फर्जी सिम व किराए के खाते मुहैया कराना
हेमंत शर्मा (राजनगर एक्सटेंशन, गाजियाबाद), काम- ऑफर लेटर व फर्जी वीजा तैयार करना





