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विश्व में भारत का स्थान सर्वोत्तम: मोहपात्रा

पंडित कमलापति त्रिपाठी राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में सोमवार को दो दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया। उच्च शिक्षा विभाग की ओर से आयोजित संगोष्ठी में ‘राष्ट्र, राष्ट्रीयता एवं राष्ट्रवाद संक्रमण...

विश्व में भारत का स्थान सर्वोत्तम: मोहपात्रा
हिन्दुस्तान टीम,चंदौलीMon, 17 Feb 2020 10:49 PM
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पंडित कमलापति त्रिपाठी राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में सोमवार को दो दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया। उच्च शिक्षा विभाग की ओर से आयोजित संगोष्ठी में ‘राष्ट्र, राष्ट्रीयता एवं राष्ट्रवाद संक्रमण में भारत विषय पर चर्चा की गई। इसके पूर्व संगोष्ठी का शुभारम्भ मुख्य अतिथि बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय आईएमएस के पूर्व निदेशक प्रोफेसर टीएम मोहपात्रा ने दीप प्रज्जवलित कर किया।

उन्होंने कहा कि राष्ट्र एक भौगौलिक परिसीमा है। वहीं राष्ट्रीयता एक कानूनी व विधि सम्मत सम्बंध है। वर्तमान में भारत निवास करने के लिये एक सर्वोत्तम देश है। हमें अपने देश पर निरतंर प्रेम की भावना से कार्य करना होगा। वहीं प्रोफेसर केशव मिश्रा ने कहा कि इतिहास समकालीन इतिहास है। यह अपने अंदर अनेक परिवर्तन को समाहित किए हुए है। कहा कि हिन्दू एक धर्म नहीं, बल्कि एक जीवन शैली है। विशिष्ट अतिथि डा. मनोज मिश्रा ने कहा कि भारत एक सांस्कृतिक पहचान है। वहीं राष्ट्रीयता एक निर्मित विचार है। वाराणसी सेवापुरी राजकीय महिला महाविद्यालय की प्राचार्य डा. यशोधरा शर्मा ने कहा कि राष्ट्रीयता सांस्कृतिक मूल्यों पर आधारित है। अध्यक्षता करते हुए कालेज की प्राचार्य डा. सविता पाढ़ी ने कहा कि राष्ट्र, राष्ट्रीयता व राष्ट्रवाद परस्पर अन्योनाश्रित विचारधारा है। वहीं विषय परिवर्तन डा. पंकज झा ने किया। संगोष्ठी में पीडीडीयू नगर लालबहादुर शास्त्री पीजी कालेज के प्राचार्य डा. एके मिश्रा, शहीद हीरा सिंह राजकीय महाविद्यालय के प्रोफेसर डा. आरके सिंह, वाराणसी सेवापुरी राजकीय महाविद्यालय के प्रोफेसर डा. कमलेश वर्मा, लालबहादुर पीजी कालेज के प्रोफेसर डा. दीनबंधु तिवारी, अम्बेडकर नगर राजकीय महाविद्यालय के प्रोफेसर डा् शाहिद परवेज, बनारस बसंता महाविद्यालय की प्रोफेसर डा. श्रेया पाठक, वाराणसी जक्खिनी राजकीय महाविद्यालय की डा. स्वर्णिम घोष ने भी विचार व्यक्त किया। संगोष्ठी के बाद तकनीकी सत्र की शुरूआत की गई। कार्यक्रम का संचालन डा. गायत्री महेश्वरी और डा. सुकृति मिश्रा ने संयुक्त रूप से किया। वहीं अतिथियों का स्वागत डा. त्रिलोकीनाथ गुप्ता ने किया। इस दौरान डा. पवन गुप्ता, डा. रीतू खरवार, डा. संगीता आदि मौजूद रही।

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