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दीक्षा संस्कार लेकर बने गायत्री साधक

शांति कुंज हरिद्वार की ओर से गायत्री विद्या मंदिर परिसर में पांच कुंडीय गायत्री महायज्ञ तीसरे दिन रविवार को सैकड़ों श्रद्धालुओं ने यज्ञ में आहुतियां...

दीक्षा संस्कार लेकर बने गायत्री साधक
Newswrapहिन्दुस्तान टीम,चंदौलीMon, 14 Mar 2022 03:11 AM
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धीना। हिन्दुस्तान संवाद

शांति कुंज हरिद्वार की ओर से गायत्री विद्या मंदिर परिसर में पांच कुंडीय गायत्री महायज्ञ तीसरे दिन रविवार को सैकड़ों श्रद्धालुओं ने यज्ञ में आहुतियां दी। पीत वस्त्र में महिलाएं, पुरुष व बच्चे अनुष्ठान में शामिल हुए थे। वहीं कथावाचक कंचन चौबे के नेतृत्व में दर्जनों लोगों का दीक्षा संस्कार हुआ। बताया, आप सभी को पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य गुरु मानने के साथ जनेऊ की पवित्रता का ध्यान रखना होगा। नियमित रूप से गायत्री मंत्र का तीन माला का जप करना होगा। अपनी कमाई का एक हिस्सा अंशदान के रूप में देना है। मनुष्य के जीवन में दो बार जन्म होता है। पहला जन्म माता पिता से होता है, जबकि दूसरा जन्म उसे आध्यात्मिक गुरु से मिलता है, जिसकी देखरेख में मनुष्य नर से नारायण बनता है। इसलिए मानव जीवन में सभी को गुरु की आवश्यकता होती है।

उन्होंने कहा कि गुरु मे दो विशेषताएं होनी चाहिए। पहली साधना, तप, संयम और दूसरी आध्यात्मिक ज्ञान। सद्गुरु ही मनुष्य को जीवन में सच्चे मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करता है। रामलखन शर्मा, कैलाश, हीरालाल ने युग संगीत व प्रज्ञा गीत से श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। गायत्री शक्तिपीठ गाजीपुर के वरिष्ठ परिजन शरद कुमार वर्मा ने बच्चों को नवयुवक जनजागरण व मौन साधना के लिए प्रोत्साहित किया गया। वही बुरी आदतों व नशा से दूर रहने का आह्वान किया गया। लोगों में प्रसाद का वितरण हुआ। इस मौके पर बृजराज चौबे, कांति उपाध्याय, राहुल सिंह, डॉ बिनोद कुमार, सच्चिदानंद, दुष्यंत सिंह, गोपाल, सुनील उपाध्याय, रामप्रसाद विश्वकर्मा,गोविंद अग्रहरि, परमहंस मौर्या आदि रहे।

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