आठ घंटे बिजली आपूर्ति होने से फजीहत
शासन के निर्देश के बाद भी ग्रामीण क्षेत्रों में सात से आठ घंटे तक बिजली आपूर्ति की जा रही है। जबकि ग्रामीण क्षेत्र में 18 घंटे बिजली आपूर्ति करने का फरमान जारी है। लेकिन विभागीय अधिकारियों...
शासन के निर्देश के बाद भी ग्रामीण क्षेत्रों में सात से आठ घंटे तक बिजली आपूर्ति की जा रही है। जबकि ग्रामीण क्षेत्र में 18 घंटे बिजली आपूर्ति करने का फरमान जारी है। लेकिन विभागीय अधिकारियों वकर्मचारियों की मनमानी के कारण बिजली कटौती का दंश ग्रामीण झेलने को मजबूर है।
कस्बा स्थित 33/11 विद्युत उपकेंद्र की हालत बेहद खराब है। ट्रांसफार्मरों के रख-रखाव से लेकर स्वीच यार्ड और उपकेंद्र से लेकर गावों को जाने वाली मेन लाइन तक की हालत जीर्णशीर्ण है। गांवों को 18 घंटें विद्युत आपूर्ति मुहैया करने के सख्त आदेश के बाद से विभागीय स्तर पर उपकेंद्रों को प्रतिदिन 20 से 21 घंटे की विद्युत आपूर्ति मिलने लगी है। लेकिन बिजली आपूर्ति गांवों को महज 7 से 8 घंटे ही मिल रही है। खुद विभागीय कर्मियों की ही माने तो उपकेंद्र से सभी फीडरों की मेन लाइन के तार 60 से 70 वर्ष पुराने एवं जर्जर हो गए हैं। जो आये दिन कहीं न कहीं टूटकर गिरते रहते हैं। उपकेंद्र पर भी कभी ओसीबी खराब रहती है तो कभी इनकमिंग फीडर जल जाता है। ऐसे में गांवों को 18 घंटे विद्युत आपूर्ति कैसे की जाए, फिलहाल इसका कोई ठोस विकल्प विभागीय कर्मचारियों के भी पास नहीं दिख रहा है। नरौली गांव के सुमंत भाष्कर, बुद्धपुर गांव के शिवपूजन उपाध्याय, हिंगुतरगढ़ के चंद्रप्रकाश सिंह, रायपुर के राधारमण यादव, प्रसहटां के सुरेश यादव, रामपुर दीयां के नगीना यादव, धरावं के शमशेर अहमद, निदिलपुर के मधुकर मौर्य आदि अन्य उपभोक्ताओं का आरोप है कि बार-बार की शिकायत के बाद भी विभाग के अधिकारी इस ओर कभी ध्यान नहीं देते हैं। .अधिशासी अभियंता विद्युत खंड-सकलडीहा रामपाल ने कि समस्या जल्द ही दूर कर लिया जाएगा।