धान की फसल में दिखाई देने लगा तना छेदक एवं जीवाणु झुलसा रोग का प्रकोप
Chandauli News - किसान फसलों को रोग से बचाने में जुटे कृषि वैज्ञानिकों से संपर्क कर ले रहे सलाह धान की फसल में दिखाई देने लगा तना छेदक एवं जीवाणु झुलसा रोग का प्रकोपधा

चंदौली। जिले में बाढ़ की विभिषिका से झेलने के बाद किसानों को अब धान की फसलों को बचाने की चुनौती हो गई है। क्योंकि वर्तमान समय में धान की फसलों में तना छेदक रोग का प्रकोप होने लगा है। साथ ही जीवाणु झुलसा रोग का भी प्रकोप दिखाई देने लगा है। किसान फसलों को बचाने में जुटे हुए हैं। साथ ही कृषि विज्ञान केंद्र पहुंचकर वरिष्ठ वैज्ञानिकों से धान की फसलों में लगने वाले रोग से बचाव के लिए सलाह ले रहे हैं। कृषि वैज्ञानिक किसानों को खेत में पानी का ठहराव नहीं होने देने और उचित जल निकासी की व्यवस्था करने के साथ ही विभिन्न कीटनाशक दवाओं का छिड़काव करने की सलाह दे रहे हैं।
आकांक्षात्मक जिलों में शामिल चंदौली धान के कटोरे के रूप में विख्यात है। इस जिले में में खरीफ वर्ष 2025-26 में लगभग एक लाख 10 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल पर धान की खेती की गई है। बीते दिनों गंगा नदी, कर्मनाशा और गड़ई नदी के उफान से कई क्षेत्रों में बाढ़ की स्थित उत्पन्न हो गई। इससे धान की फसल डूब गई। नदियों का पानी कम होने पर किसानों को अब धान की फसल में लग रहे रोग से बचाव की चुनौती मिलने लगी है। धान की फसलों में तना छेदक कीट के साथ ही जीवाणु झुलसा रोग का प्रकोप दिखाई देने लगा है। धान में जीवाणु झुलसा एक जीवाणु से होने वाला गंभीर रोग है। यह पौधों की पत्तियों पर लंबी, कत्थई धारियों के रूप में शुरू होता है। बाद में पत्ती को पूरी तरह सूखा देता है। इससे बचाव के लिए बुआई से पहले बीजों को 5 प्रतिशत नमक के घोल में डालें और हल्के बीजों को हटा दें। वहीं स्ट्रेप्टोसाइक्लिन और कॉपर ऑक्सीक्लोराइड के घोल में बीज को 12 घंटे तक डुबोकर उपचारित करें। नाइट्रोजन खाद का प्रयोग संतुलित मात्रा में करें। खेत में पानी का ठहराव न होने दें और उचित जल निकासी की व्यवस्था करें। कटाई के बाद पौधों के अवशेषों को इकट्ठा करके जला दें। ताकि रोग का प्रसार न होने पाए। उन्होंने कहा कि धान फसल के तने में यदि सफेद सुंडी दिखाई दे तो किसान प्रोफेक्स सुपर 2 मिली प्रति लीटर पानी के साथ मिलाकर छिड़काव करें। यदि धान की फसल बैठ गई हो या उसका वृद्धि विकास रुक गया हो तो उसके लिए हेक्साकोनाजोल 2 मिली प्रति लीटर पानी के साथ मिला कर छिड़काव किया जा सकता है। किसान फसलों की समस्या को लेकर केवीके वैज्ञानिकों से संपर्क कर सकते हैं l
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