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सूर्य ग्रहण की समाप्ति पर लगी गंगा में डुबकी

इस साल का पहला सूर्य ग्रहण रविवार को पड़ा। सूर्य ग्रहण के समय जहां लोगों ने आराधना की। वहीं ग्रहण की समाप्ति के बाद गंगा मे डुबकी लगाने के बाद घाट पर दान पुण्य किया। आसमान में बदरी की वजह से सूर्य...

सूर्य ग्रहण की समाप्ति पर लगी गंगा में डुबकी
हिन्दुस्तान टीम,चंदौलीSun, 21 Jun 2020 11:37 PM
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इस साल का पहला सूर्य ग्रहण रविवार को पड़ा। सूर्य ग्रहण के समय जहां लोगों ने आराधना की। वहीं ग्रहण की समाप्ति के बाद गंगा मे डुबकी लगाने के बाद घाट पर दान पुण्य किया। आसमान में बदरी की वजह से सूर्य ग्रहण दिखाई नहीं पड़ा। लेकिन लोगों ने परंपरागत तरीके से सूर्य ग्रहण की अवधि पर विधियों का पालन किया। बलुआ गंगा घाट पर स्नानार्थियों की सर्वाधिक भीड़ देखने को मिली।पश्चिमी वाहिनी बलुआ गंगा घाट पर सूर्य ग्रहण काल में सुबह साढ़े10 से दोपहर ढ़ाई बजे तक पुरोहित अभय मिश्रा के सानध्यि में सियाराम सिंह, प्रदीप यादव, रामदरश यादव, वीरेंद्र मिश्रा आदि लोगों ने हवन पूजन किया।

घाट पर एक तरफ हवन पूजन तो दूसरी तरफ कुछ लोग मौन होकर मंत्रों का जाप करते रहे। सूर्य ग्रहण की समाप्ति पर घाट पर स्नानार्थियों का जमावड़ा लगा गया। गंगा घाट पर स्नानार्थियों की भीड़ के मद्देनजर पुलिस की टुकड़ी चक्रमण करती रही। लोगों को सोशल डिस्टेंस का पालन करने की भी अपील की गई। लोगों ने श्रद्धाभव से गंगा में डुबकी लगाकर भगवान भाष्कर का स्मरण किया। गंगा स्नान के बाद लोगों ने घाट पर साधु-संन्यासियों, भिक्षुओं और पशु-पक्षियों को अन्न दान किया। उधर, घरों में भी लोगों ने सुबह ही उठकर घर की साफ सफाई व अन्य जरूरी काम कर लिया। मान्यता है कि घर साफ-सुथरा रखने से नकारात्मक उर्जा प्रवेश नहीं करती है। सूर्य ग्रहण काल में भोजन करना वर्जित माना गया है। घर के बड़े-बुजुर्गों ने सुबह स्नानकर ग्रहण काल में भगवान भाष्कर व महादेव की आराधना की। ग्रहण की समाप्ति के बाद घर के मंदिर को गंगाजल से शुद्ध किया।ज्योतिषाचार्य पंडित संतोष तिवारी ने बताया कि साल का पहला सूर्य ग्रहण था। अब अगला सूर्य ग्रहण 25 अक्तूबर 2022 को लगेगा। ऐसा नजारा धरती पर कम ही देखने को मिलता है। ग्रहण के असर को कम करने के लिए लोगों ने कुछ खास उपाय भी किएग्।

गंगा के जलस्तर पर बढ़ोतरी हुई शुरू

चहनियां। हिन्दुस्तान संवाद

मानसून के आगमन के साथ ही गंगा के जलस्तर पर तेजी से बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। पश्चिमी वाहिनी गंगा घाट पर सीढ़ी की एक पायदान पूरी तरह डूब चुकी है। जलस्तर की वृद्धि जारी रही, तो जल्द ही समूचा घाट डूब जाएगा। वहीं तटवर्ती गांवों के ग्रामीणों को भी कटान की चिंता सताने लगी है।

पश्चिम वाहिनी गंगा तट पर पक्के घाट की सीढ़ी की तरफ तेजी से बढ़ने लगी है। घाट किनारे अस्थायी दुकानों की धड़कनें तेज हो गई है। तटवर्ती गांव कांवर, महंुआरी खास, बिशूपुर, महुअरियां, सराय, बलुआ, डेरवां, महुअरकलां, विजयी के पूरा, गणेशपूरा, टांडाकला, तीरगांवा, बड़गांवा, हसनपुर, नादी निधौरा आदि गांवों के किसानों व ग्रामीणों को गंगा कटान की चिंता सताने लगी है। किसानों की सैकड़ों एकड़ जमीन गंगा कटान में समाहित हो चुकी है।

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