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आजादी के बाद हमें मिले अस्पताल, चीनी मिल, मेडिकल कॉलेज

आजादी के बाद हमें मिले अस्पताल, चीनी मिल, मेडिकल कॉलेज

आजादी के बाद हमें मिले अस्पताल, चीनी मिल, मेडिकल कॉलेज
हिन्दुस्तान टीम,बुलंदशहरFri, 14 Aug 2020 06:33 PM
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आज हम आजादी की 73वीं वर्ष गांठ मनाने जा रहे हैं। आजादी के इस के इस राष्ट्रीय पर्व को हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। आजादी के 73 वर्षों में हमने क्या पाया। इस पर नजर डालें तो जनपद को चीनी मिलें, अस्पताल, स्कूल कॉलेज, मेडिकल कॉलेज की सौगात मिली है। साथ ही एशिया के सबसे बड़े एयरपोर्ट की सौगात मिलने जा रही है। आजादी के बाद विकास के लिए तरस रहे जनपद को भले ही अपेक्षा के अनुसार नहीं मिला, लेकिन जो मिला है उसे भी याद किया जाना जरूरी है। जिला मुख्यालय पर बाबू बनारसी दास चिकित्सालय, महिला अस्पताल की सौगात मिली है। यहां आकर मरीज मुफ्त में अपना इलाज कराते हैं। शिक्षा की बात करें तो जिले प्राइमरी एजुकेशन से लेकर व्यवसायिक शिक्षा के मंदिर स्थापित हो चुके हैं। हाल ही में जनपद में मेडिकल कॉलेज की सौगात मिली है, जिससे जनपदवासी खासे खुश हैं। जनपद में एशिया का सबसे बड़ा एयपोर्ट जेवर में बनने जा रहा है। जनपद में बहुतायत मात्रा में गन्ना उत्पादन होता है। जिसके लिए चीनी मिलों की स्थापना की गई। एक सरकारी चीनी मिल तथा दो निजी चीनी मिलें जनपद को मिली हैं। जिला मुख्यालय पर रेलवे ओवरब्रिज और जनपद से गुजरने वाले एनएच-91 और एनएच 235 के चौड़ीकरण व निर्माण से लोगों का सफर तो सुहाना हुआ है। साथ ही विकास के अवसर भी मिलने की संभावना जताई जा रही है। आजादी के बाद देश में बने परमाणु विद्युत संयंत्रों में से एक विद्युत ताप गृह नरौरा में स्थित है। एक नजर में इतिहास---जनपद का इतिहास लगभग 1200 वर्ष पुराना है। प्राचीन नाम बरन था और इसे राजा अहिबरन ने स्थापित किया था। राजा अहिबरन ने एक सुरक्षित किले का निर्माण कराया था, जो वर्तमान में ऊपरकोट है। सुरक्षा की दृष्टि से किले के चारों ओर नहर का निर्माण कराया था। जिसमें काली नदी से पानी भरा जाता था। बताया जाता है कि ब्रिटिश काल में यहा राजा अहिबरन के वंशज अनूपराय ने शासन किया था। जिन्होंने अनूपशहर को बसाया था। उनकी शिकारगाह आज शिकारपुर के नाम से प्रसिद्ध है। जनपद को चाहिए इनसे आजादीबुलंदशहर। संवाददाताआजादी के बाद से जिले का विकास तो हुआ लेकिन अपेक्षा के अनुरूप नहीं हो पाया। आजादी के बाद जनपद की जनता गंदगी, अशिक्षा, दूषित पानी, सड़कों के गडढों, अघोषित बिजली कटौती से आजादी चाहती है। आजादी के 73 वर्ष बीत चुके हैं, लेकिन अभी तक कूड़ा प्रबंधन का इंतजाम सरकारें नहीं कर पाई हैं। यहां तक की लोगों को पीने के लिए शुद्ध पानी भी उपलब्ध नहीं है। नगरीय क्षेत्रों को छोड़ दें तो ग्रामीण क्षेत्रों में लोग दूषित पानी पीने को मजबूर हैं। एक नजर में जनपद7 --- तहसील17 --- निकाय16 --- ब्लॉक1246 --- गांव3499171 --- जनसंख्यापुरुष --- 1845260महिला --- 1653911

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