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मिट्टी की ढांग गिरने से दो महिलाओं की दर्दनाक मौत

अगौता क्षेत्र के गांव रहीमपुर बहगवां के जंगल में मिट्टी की ढांग गिरने से दो विधवा महिलाओं की मौत हो गई, जबकि तीसरी महिला बुरी तरह घायल हो गई। हादसे की सूचना मिलते ही सैकड़ों ग्रामीण मौके पर पहुंच...

अगौता क्षेत्र के गांव रहीमपुर बहगवां के जंगल में मिट्टी की ढांग गिरने से दो विधवा महिलाओं की मौत हो गई, जबकि तीसरी महिला बुरी तरह घायल हो गई। हादसे की सूचना मिलते ही सैकड़ों ग्रामीण मौके पर पहुंच...
1/ 2अगौता क्षेत्र के गांव रहीमपुर बहगवां के जंगल में मिट्टी की ढांग गिरने से दो विधवा महिलाओं की मौत हो गई, जबकि तीसरी महिला बुरी तरह घायल हो गई। हादसे की सूचना मिलते ही सैकड़ों ग्रामीण मौके पर पहुंच...
अगौता क्षेत्र के गांव रहीमपुर बहगवां के जंगल में मिट्टी की ढांग गिरने से दो विधवा महिलाओं की मौत हो गई, जबकि तीसरी महिला बुरी तरह घायल हो गई। हादसे की सूचना मिलते ही सैकड़ों ग्रामीण मौके पर पहुंच...
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हिन्दुस्तान टीम,बुलंदशहरSat, 09 Dec 2017 12:25 AM
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अगौता क्षेत्र के गांव रहीमपुर बहगवां के जंगल में मिट्टी की ढांग गिरने से दो विधवा महिलाओं की मौत हो गई, जबकि तीसरी महिला बुरी तरह घायल हो गई। हादसे की सूचना मिलते ही सैकड़ों ग्रामीण मौके पर पहुंच गए। परिजनों ने शवों का पोस्टमार्टम कराने से इंकार कर दिया। हालांकि पुलिस ने ग्रामीणों को समझा-बुझाकर काफी मशक्कत के बाद दोनों शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिये भेज दिया।शुक्रवार की दोपहर गांव रहीमपुर बहगवां निवासी स्वर्गीय रेवती लोधी की पत्नी अतरकली (70 वर्ष), स्वर्गीय देवेन्द्र लोधी की पत्नी नेमवती (35 वर्ष) एवं अन्य महिलाओं के साथ भैंसा बुग्गी लेकर पोता मिट्टी लेने के लिये जंगल गई थी। मिट्टी खोदने के दौरान मिट्टी की ढांग महिलाओं के ऊपर गिर पड़ी। इसमें अतरकली, नेमवती के अलावा महिला नन्ही दब गईं। चीख-पुकार सुनकर मिट्टी खोद रही अन्य महिलाएं मौके पर पहुंची और मिट्टी को हटाकर तीनों महिलाओं को बाहर निकाला। नेमवती ने मौके पर ही दम तोड़ दिया, जबकि अतरकली की जिला अस्पताल ले जाते समय रास्ते में ही मौत हो गई। तीसरी महिला नन्हीं को उपचार के लिये एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हादसे की सूचना मिलते ही ग्रामीण मौके पर पहुंचे। दो विधवा महिलाओं की मौत होने से गांव में कोहराम मच गया। ग्राम प्रधान धर्म सिंह ने पुलिस और लेखपाल को फोन कर घटना की सूचना दी है। हादसे की सूचना मिलते ही थाना पुलिस और लेखपाल मौके पर पहुंचे। शुरूआत में परिजन पोस्टमार्टम कराने के लिए तैयार नहीं हुए। कई घंटे की मशक्कत के बाद पुलिस ने परिजनों को समझाकर शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा। कोट----इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। शव पोस्टमार्टम को भेज दिए हैं। मृतकाओं के परिजनों को सरकार की ओर से आर्थिक मदद दिलाई जाएगी।सत्यवीर सिंह,एसओ अगौता -------------------- पोस्टमार्टम को लेकर चार घंटे तक होता रहा हंगामा - थाना प्रभारी अगौता के समझाने पर शांत हुए परिजनऔरंगाबाद। हमारे संवाददाताअगौता क्षेत्र के गांव रहीमपुर बहगवां में मिट्टी की ढांग गिरने से हुई दो विधवा महिलाओं की मौत के मामले में पोस्टमार्टम को लेकर चार घंटे तक हंगामा होता रहा। बाद में एसओ के आने पर ही दोनों के परिजन पोस्टमार्टम कराने को राजी हुए। तब जाकर मामला कहीं शांत हो सका। बता दें कि अतरकली के परिजनों ने पुलिस से पोस्टमार्टम कराने को साफ मना कर दिया था। दरोगा के बार-बार समझाने पर भी वे नहीं माने और आनन-फानन में अंतिम संस्कार के लिये जिद करने लगे। पुलिस ने अंतिम संस्कार के लिये उन्हें रोक दिया। उधर नेमवती के परिवार में कोई बड़ा व्यक्ति न होने के कारण ग्राम प्रधान धर्म सिंह ने खुद पुलिस को तहरीर देकर उसका पोस्टमार्टम कराने की बात कही। लेकिन दरोगा ने ग्राम प्रधान की बात को दरकिनार करते हुए उसके परिजनों से तहरीर मिलने पर ही पीएम कराने की बात कही। एसओ अगौता के ककोड़ क्षेत्र में होने के कारण ग्राम प्रधान ने मौके पर आकर दोनों के पोस्टमार्टम कराने की बात कही। शाम करीब छह बजे एसओ अगौता सत्यवीर सिंह मौके पर पहुंचे और मृतक अतरकली के परिजनों को समझाबुझाकर पोस्टमार्टम कराने के लिये उन्हें राजी किया। तब जाकर कहीं पुलिस ने दोनों के शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा।-----------------बच्चों से पहले बाप और अब मां का भी छिना सायाऔरंगाबाद। अगौता के गांव रहीमपुर बहगवां में नेमवती की मौत के बाद अब उसके बच्चों की देखभाल करने वाला कोई नहीं बचा है। पहले बाप और अब मां की मौत होने से चारों बच्चे अनाथ हो गए हैं। परिवार में केवल नेमवती ही मेहनत मजदूरी करके अपने बच्चों का पालन पोषण करती थी। काजल (15वर्ष), अंजू (13वर्ष), अन्नू (11वर्ष) और दीपांशु (9वर्ष) का रो-रोकर बुरा हाल है। ग्राम प्रधान धर्म सिंह ने बताया कि मृतका पर करीब एक बीघा जमीन है। पति की आठ वर्ष पहले बीमारी के चलते मौत हो गई थी। तभी से ही नेमवती ही बच्चों की देखभाल करती थी। ---------------------

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