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आठ किलोमीटर पहले दम तोड़ रही पुलिस की कहानी

आठ किलोमीटर पहले दम तोड़ रही पुलिस की कहानी

   आठ किलोमीटर पहले दम तोड़ रही पुलिस की कहानी
हिन्दुस्तान टीम,बुलंदशहरSun, 16 Aug 2020 05:31 PM
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बुलंदशहर पुलिस ने बढ़िया काम करते हुए सही आरोपियों को पकड़ा है, किंतु अपनी गर्दन बचाने के लिए छेड़छाड़ और स्टंट के आरोपों को जान-बूझकर नकार दिया है। पुलिस की कहानी घटनास्थल से आठ किलोमीटर पहले ही दम तोड़ रही है।रविवार को बुलंदशहर पुलिस के खुलासे के बाद मृतका छात्रा सुदीक्षा भाटी के पिता जितेंद्र भाटी ने छेड़छाड़ और स्टंट के आरोपों को नकारे जाने को लेकर नाराजगी एवं अफसोस जताया। जितेंद्र भाटी ने कहा कि जिस सीसीटीवी कैमरों की फुटेज को पुलिस द्वारा घटना के खुलासे का आधार बनाया जा रहा है, वह तो करीब घटनास्थल से आठ किलोमीटर पहले की हैं। घटनास्थल के आसपास कहीं भी सीसीटीवी कैमरा न होने की बात कही जा रही है। उन्होंने कहा कि अगर दोनों वाहनों में काफी अंतर था तो बुलेट सवार के अचानक ब्रेक लगाने पर सुदीक्षा वाली बाइक उससे क्यों टकरा गई? इससे साफ है कि बुलेट बाइक और सुदीक्षा वाली बाइक में ज्यादा अंतर नहीं था। हादसे के बाद बुलेट सवार क्यों नहीं रूके? प्रत्यक्षदर्शी ने आकर मदद क्यों नहीं की? उन्होंने कहा कि पुलिस कुछ भी कह सकती है। पुलिस द्वारा अपनी गर्दन बचाने के लिए छेड़छाड़ और स्टंट के आरोपों को नकारा जा रहा है।बुग्गी वाले ने बताई थी सच्चाईसुदीक्षा के पिता जितेंद्र भाटी ने बताया कि पुलिस के सामने ही शुरू में बुग्गी वाले सच्चाई बताई थी। उसने बताया था कि बुलेट बाइक वाले युवक के पहुंचने से पहले ही टैंपो निकल गया था। उन्होंने अचानक ब्रेक लगाए। बाद में पुलिस ने अपने हिसाब से बुग्गी चालक के बयान लिए हैं। उनके सामने कोई बयान नहीं लिए गए।पिता के सवाल- घटनास्थल के आसपास की कोई फुटेज क्यों नहीं लाई गई?- हादसे के बाद आरोपी बुलेट सवारों ने रूककर मदद क्यों नहीं की?- इतने दिन तक बुलेट सवार क्यों गायब रहे और बुलेट का रंग क्यों बदलवाया?- पीड़ित पक्ष के सामने ही आरोपियों और गवाहों के बयान क्यों नहीं दर्ज किए गए?

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