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पुलिस विवेचना में नहीं मिले थे ऑनर किलिंग के सुबूत

जिले के चर्चित महविश-अब्दुल हकीम प्रकरण में पुलिस की विवेचना में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए थे। महविश ने जहां अपने पति अब्दुल हकीम की हॉरर किलिंग का दावा किया था, वहीं पुलिस की विवेचना में हॉरर...

पुलिस विवेचना में नहीं मिले थे ऑनर किलिंग के सुबूत
हिन्दुस्तान टीम,बुलंदशहरSat, 07 Sep 2019 12:13 AM
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जिले के चर्चित महविश-अब्दुल हकीम प्रकरण में पुलिस की विवेचना में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए थे। महविश ने जहां अपने पति अब्दुल हकीम की हॉरर किलिंग का दावा किया था, वहीं पुलिस की विवेचना में हॉरर किलिंग की बजाय रंजिश का मामला निकला था। इसको लेकर महविश ने पुलिस पर काफी आरोप भी लगाए थे। हालांकि पुलिस ने मामला रंजिश का ही बताते हुए चार्जशीट दाखिल की थी।22 नवंबर 2012 को कोतवाली देहात पुलिस को गांव भाटगढ़ी में युवक अब्दुल हकीम की गोली मारकर हत्या किए जाने की सूचना मिली थी। इसे हॉरर किलिंग का मामला बताया गया।

अब्दुल हकीम की हत्या में सलमान, आसिफ, सरवर, गुल्लू और मलिक को नामजद किया गया था। तत्कालीन कोतवाली देहात के प्रभारी निरीक्षक आरके सिंह के अनुसार हत्या की विवेचना उनके द्वारा की गई। पूरे मामले की हॉरर किलिंग, रंजिश समेत अन्य बिंदुओं पर जांच की गई। घटना में नामजद आरोपियों को गिरफ्तार कर गहन पूछताछ की गई। पूछताछ एवं तथ्यों के आधार पर घटना को रंजिशन अंजाम देने की पुष्टि हुई। मामले में सारे आवश्यक सबूत एकत्र किए गए। गवाहों के बयान कलमबंद करने के अलावा नामजद आरोपी की निशानदेही पर आला कत्ल बरामद किया गया।

आलाकत्ल की फॉरेंसिक जांच भी कराई गई, ताकि हत्यारोपियों को सजा मिलना सुनिश्चित हो। इसके बाद निर्धारित अवधि यानि 90 दिन के भीतर फरवरी 2013 को पांचों आरोपियों के खिलाफ न्यायालय में चार्जशीट दाखिल कर दी गई। गुरुवार को एडीजे नवम ने मामले में चार आरोपियों को दोषी पाते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है।कोट---अब्दुल हकीम हत्याकांड में गहन विवेचना करते हुए हर साक्ष्य एकत्रित किया गया। आला कत्ल यानि तमंचा बरामद करते हुए उसी से हत्या की पुष्टि के लिए फॉरेंसिक जांच कराई गई। पुलिस की गहन विवेचना एवं मजबूत पैरवी का ही परिणाम रहा कि मामले में चार अभियुक्तों को उम्रकैद की सजा हुई है।- आरके सिंह, केस के विवेचक एवं तत्कालीन कोतवाली देहात प्रभारी

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