गन्ना भुगतान: मिलों को गिरवी रखनी पड़ी 300 करोड़ की चीनी
Bulandsehar News - जिले की चार चीनी मिलों के सामने पेराई सत्र 2022-23 में बजट का बड़ा टोटा रहा है। मिलों ने किसानों के भुगतान के लिए बैंकों में करीब 300 करोड़ से अधिक...
जिले की चार चीनी मिलों के सामने पेराई सत्र 2022-23 में बजट का बड़ा टोटा रहा है। मिलों ने किसानों के भुगतान के लिए बैंकों में करीब 300 करोड़ से अधिक के बजट की चीनी को गिरवी में रखा है, इसके बाद उनकी सीसीएल यानि कैश क्रेडिट लिमिट हुई हैं। मिल चीनी को बेचकर बैंकों का कर्जा उतार रहे हैं। जिले की चारों चीनी मिलों ने बैंकों से करोड़ों रुपये की सीसीएल ली हैं, इसी के चलते किसानों का जल्दी भुगतान हुआ है। जिले की चारों चीनी मिलों ने हाल ही में बीते पेराई सत्र में किसानों ने 927.79 करोड़ का गन्ना खरीदा है। चीनी मिलों पर अभी 102.16 लाख का बकाया चल रहा है। मगर जिले की चारों चीनी मिलों की हालत इस बार इतनी खस्ता हो गई कि उन्हें बैंकों को चीनी गिरवी में रखकर किसानों का गन्ना भुगतान करना पड़ा है। बुलंदशहर की वेव शुगर मिल ने 40 करोड़, सहकारी चीनी मिल ने 126 करोड़, अगौता की अनामिका ने करीब 80 करोड़ और साबितगढ़ ने भी करीब 150 करोड़ से अधिक के बजट की सीसीएल लेकर किसानों को भुगतान किया है। मिलों ने पेराई सत्र में 16,92,788 लाख कुंतल चीनी का उत्पादन किया है, जो बैंकों की निगरानी में गिरवी में रखी है। मिल प्रबंधकों की मानें तो सीसीएल जो हुई हैं उनका लाखों रुपये का प्रतिमाह ब्याज दिया जा रहा है, जबकि मूल अलग से जा रहा है।
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मिलों में चीनी का उत्पादन लाख कुंतल में
1.वेव शुगर मिल बुलंदश्हर -- 1,68,642
2.अनामिका मिल अगौता -- 5,09,753
3.सहकारी मिल अनूपशहर --- 4,11,101
4.साबितगढ़ चीनी मिल --- 6,03,292
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102.16 लाख बकाया
जिले की चारों चीनी मिलों ने पेराई सत्र में 926.79 लाख कुंतल गन्ना किसानों से खरीदा था। इसके सापेक्ष भुगतान लगभग पूरा सा हो चुका है। इसमें वेव शुगर मिल पर 43 करोड़ 52 लाख, अनामिका चीनी मिल पर 30 करोड़ 36 लाख, सहकारी चीनी मिल अनूपशहर पर 28 करोड़ 28 लाख बकाया है। साबितगढ़ चीनी मिल ने किसानों का भुगतान पूरा कर दिया है। डीसीओ ने बताया कि जो भुगतान बचा हुआ है उसे जल्द ही पूरा करा लिया जाएगा। इसके लिए चीनी मिलों को आदेश जारी कर दिए हैं।
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कोट---
चीनी मिलों की सीसीएल बैंक करते हैं, जितने उन्हें जरूरत होती है यह चीनी मिलों का अपना मामला है। जिले में किसानों का भुगतान लगभग पूरा हो चुका है। मेरठ मंडल में जिला भुगतान के मामले में पहले स्थान पर है। पेराई सत्र पूरी तरह से समाप्त हो गया है। अब नए सत्र की तैयारी है।
-बीके पटेल, डीसीओ
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