मीटर में स्टोर रीडिंग का खेल, विभाग के राजस्व को नुकसान
मीटर रीडरों की मिलीभगत कहें या पावर कॉरपोरेशन के अफसरों की लापरवाही।
मीटर रीडरों की मिलीभगत कहें या पावर कॉरपोरेशन के अफसरों की लापरवाही। कुल मिलाकर पावर कॉरपोरेशन का करोड़ों रुपये के राजस्व का नुकसान हो रहा है। यह इसलिए है, क्योंकि कहीं उपभोक्ता अपना वास्तविक बिल जमा करने के बजाए अपने हिसाब से जमा कर रहे हैं। जांच के लिए पहुंचे मीटरों में यह खुलासा हुआ है। इससे पहले भी 30 लाख से अधिक रीडिंग स्टोर पकड़ी जा चुकी हैं।पावर कॉरपोरेशन में मीटर रीडिंग का बड़े स्तर पर खेल होता है। इसमें मीटर रीडर और विभाग के कर्मचारियों अहम भूमिका रहती है। उपभोक्ताओं से सेटिंग कर जेब गर्म कर लेते हैं और विभाग के राजस्व को नुकसान पहुंचाते हैं। फरवरी माह में पांच उपभोक्ताओं के खराब मीटर बदलने के बाद जांच के लिए लैब पहुंचे थे। लैब में इन मीटरों की जांच में बड़ी संख्या में रीडिंग स्टोर मिली हैं। उपभोक्ता सुमन शर्मा, महीपाल सिंह, विमलेश देवी, गंगाराम और अमीना आदि के मीटरों में 6687 रीडिंग स्टोर मिली हैं। अब इन उपभोक्ताओं से स्टोर रीडिंग का बिल बनाकर राजस्व वसूलने के आदेश जारी किये गये हैं। जल्द ही उपभोक्ताओं को बिल बनाकर भेजा जाएगा।- मीटर रीडर पर न करें विश्वास, रीडिंग करें चेककई उपभोक्ताओं की यह भी शिकायत रहती है, कि मीटर रीडर कब रीडिंग स्टोर कर जाते हैं। इसका पता नहीं चल पाता है। ऐसी स्थिति जब विभाग की टीम चेकिंग करती है तो इसका खुलासा हो पाता है। इसके चलते उपभोक्ताओं को भी दोगुनी दर पर बिल का भुगतान करना पड़ता है। अफसरों कहना है कि उपभोक्ता बिल लेते समय रीडिंग चेक कर लें। यदि गलत रीडिंग का बिल बनें तो तुरंत शिकायत कर दें।कोट--जिन उपभोक्ताओं के मीटर में रीडिंग स्टोर मिली हैं। उनका उतनी रीडिंग का बिल बनाया जा रहा है। साथ ही उस क्षेत्रों में अन्य मीटरों की जांच के भी आदेश दिये गये हैं।- आरपीएस तोमर, चीफ इंजीनियर