गरीब बेटियों को स्वस्थ रखने के लिए रेखा बनी सहारा
स्वयं के जीवन को संघर्षशील बनाकर दूसरों के लिए प्रेरणा स्त्रोत बनी शिक्षिका रेखा रानी अब बेटियों को काबिल बनाने में जुटी हैं। बेटियों को आत्मनिर्भर...

स्वयं के जीवन को संघर्षशील बनाकर दूसरों के लिए प्रेरणा स्त्रोत बनी शिक्षिका रेखा रानी अब बेटियों को काबिल बनाने में जुटी हैं। बेटियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उनका जीवन पूरी तरह से समर्पित है। बेटियों की शिक्षा से लेकर वह उनके स्वास्थ्य का पूरा ख्याल रख रही हैं।
रेखा मलाला युसुफजई के जीवन से काफी प्रभावित हुई हैं, किस तरह उन्होंने बेटियों के हक को लेकर लड़ाई लड़ी। इसी तरह वह भी बेटियों के लिए संघर्ष कर रही हैं। मलिन बस्तियों में जाकर वह बेटियों में शिक्षा की लौ जला रही हैं। अभिभावकों से वह बेटियों को स्कूल भेजने की अपील करती हैं और इसमें वह कामायाब भी हुई। बेटियां आज स्कूल जाकर अपने भविष्य का निर्माण कर रही हैं। बेटियों को शिक्षण सामग्री सहित अन्य सभी सामान उपलब्ध कराती हैं। बेटियों के लिए समर कैंप चलाकर वह उन्हें कोर्स करा रही हैं, जिससे बेटियां आगे चलकर आत्मनिर्भर बन सकें।
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बेटियों के स्वास्थ्य का रखती हैं ख्याल
शिक्षिका रेखा रानी बेटियों के स्वास्थ्य का पूरा ख्याल रखती हैं। मलिन बस्तियों में जाकर वह बेटियों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करती हैं, दस हजार सैनेट्री पैड वह बेटियों में बांट चुकी हैं। बेटियों की माताओं को भी वह स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करती हैं। खासतौर से वह गरीब बेटियों में रहकर उन्हें समझाती हैं। एक स्कूल में वह बेटियों को निशुल्क शिक्षा दिला रही हैं। बेटियों का पूरा खर्चा वह वहन करती हैं।
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मलाला युसुफजई एक संघर्ष का नाम
रेखा रानी बताती हैं मलाला युसुफजई एक संघर्ष का नाम है। भले ही उसका वतन दूसरा हो मगर वह बेटियों के लिए प्रेरणा का स्त्रोत हैं। बेटियां उनके जीवन और संघर्ष से कुछ सीखे। समाज में आज बेटियों को आगे बढ़ने के जागरूक होना होगा। प्रत्येक इंसान में जीवन में संघर्ष होता है और हमें उस समय तक संघर्ष करना चाहिए जब तक सफल न हों।
