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जान बचाने को भागी पुलिस, लोगों ने बंद किए दरवाजे

गांव बिचौला में पुलिस और ग्रामीणों के एक घंटे तक संघर्ष हुआ।

जान बचाने को भागी पुलिस, लोगों ने बंद किए दरवाजे
हिन्दुस्तान टीम,बुलंदशहरFri, 16 Nov 2018 11:40 PM
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गांव बिचौला में पुलिस और ग्रामीणों के एक घंटे तक संघर्ष हुआ। ग्रामीणों की संख्या अधिक होने के कारण पुलिस ने जान बचाकर घरों में छुपने का प्रयास किया, लेकिन लोगों ने अपने-अपने घरों के दरवाजे बंद कर लिए। आरोप है कि पुलिस मदद की गुहार लगाती रही, लेकिन कोई उनको बचाने नहीं पहुंचा। लोगों ने लाठी-डंडों एवं पथराव करना जारी रखा।खुर्जा देहात थाना के एसएसआई प्रमोद कुमार ने पुलिस टीम के साथ गांव बिचौला में दबिश देकर घर के बाहर खड़े दीपक पुत्र वीरपाल को हिरासत में लिया। आरोपी युवक ने चीखपुकार मचाकर दर्जनों लोगों को मौके पर बुला लिया। आरोप है कि पुलिसकर्मी युवक को खींचकर जीप में बैठाने का प्रयास कर रहे थे, लेकिन युवक पुलिस से छूटने की कोशिश कर रहा था। इस बीच पुलिस ने युवक पर बल का प्रयोग किया तो ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा। देखते ही देखते पुलिस ने सख्ती का प्रयोग किया, लेकिन ग्रामीण पीछे नहीं हटे और पुलिस पर पथराव कर दिया। पुलिस का आरोप है कि कुछ लोगों ने लाठी-डंडों से हमला कर दिया और पुलिस टीम पर पथराव भी किया। हंगामा सुनकर लोगों का मौके पर जमघट लग गया था। पुलिस ने लोगों के घरों में घुसने का प्रयास किया, लेकिन लोगों ने अपने-अपने घरों के दरवाजे बंद कर लिए। स्वयं को घिरता देख पुलिस टीम किसी तरह खेतों के रास्ते होते हुए थाने पहुंची। जहां से घायल पुलिसकर्मियों को उपचार के लिए खुर्जा के जटिया अस्पताल लाया गया। पुलिस टीम ने ग्रामीणों से मदद मांगी और उनके घर में छुपने का प्रयास किया, लेकिन लोगों ने अपने-अपने घरों के दरवाजे बंद कर लिए थे। पुलिस टीम गांव से नहीं भागती तो पुलिस के साथ अनहोनी घटना हो सकती थी।- महेश राठौड़, एसओ खुर्जा देहात। ये लोग किए गए हैं मुकदमे में नामजदपुलिस द्वारा ग्रामीणों पर दर्ज मुकदमे में 31 लोगों को नामजद किया गया है। नामजद आरोपियों में दीपक पुत्र वीरपाल, लीलू पुत्र चंद्रपाल, शिव हरि पुत्र राधेश्याम, हरीश पुत्र सुखपाल, पीकेश पुत्र चंद्रपाल, लाला पुत्र भिक्की सिंह, हेमंत पुत्र चंद्रपाल, मनीष पुत्र चंद्रपाल, दीपक पुत्र सुखपाल शर्मा, गौरव पुत्र बालकिशन, ईलू पुत्र चंद्रपाल, रवि प्रजापति पुत्र वीरपाल, कृष्णकांत शर्मा पुत्र रामभूल शर्मा, लाला ठाकुर पुत्र ऐदल सिंह, हरीश पुत्र सुखपाल सिंह, राम हरि पुत्र सोमवीर शर्मा, वेदप्रकाश पुत्र सुखपाल सिंह, प्रदीप गौड़ पुत्र वीरपाल, सुखपाल शर्मा पुत्र कंछीमल शर्मा, कुलदीप पुत्र पूरन, संदीप पुत्र पूरन गौड़, अजय ठाकुर पुत्र नत्थी सिंह, सुक्का पहलवान पुत्र राजपाल शर्मा, डालचंद पुत्र मुन्ना दत्त, दीपक ठाकुर पुत्र वीरपाल, हरीश पुत्र सुखपाल, वीरपाल पुत्र नुन्ना पंडित, ओमप्रकाश उर्फ लाला पुत्र नुन्ना, पूरन पुत्र नुन्ना, गौरव, लीलू आदि शामिल हैं, जबकि 35-40 अज्ञात हमलावरों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज हुआ है। रामप्रसाद ने कराया था एससी/एसटी एक्ट में मुकदमा गांव बिचौला निवासी रामप्रसाद जाटव ने खुर्जा देहात थाने में अप्रैल 2017 को दीपक पुत्र वीरपाल, लीलू पुत्र चंद्रपाल, गौरव पुत्र बालकिशन, शिवहरि पुत्र राधाश्याम, हरीश पुत्र सुखपाल समेत छह लोगों पर एससी/एसटी एक्ट की धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था। इसकी सुनवाई एससी/एसटी कोर्ट बुलंदशहर में सुनवाई चल रही थी। कोर्ट पहले ही गैर जमानती वारंट जारी कर चुका था, जिसकी 15/11/2018 को तारीख थी। सीओ से मिलकर ग्रामीणों ने रखा अपना पक्ष शुक्रवार की दोपहर गांव बिचौला के ग्रामीण सीओ गोपाल सिंह के पास पहुंचे। जहां उन्होंने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवालियां निशान लगाए। ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस ने युवक को हिरासत में लेते ही उसको बुरी तरह पीटना शुरू कर दिया था। विरोध करने पर ग्रामीणों से भी गाली-गलौच की गई। जिसके बाद हालत बेकाबू हो गए। ग्रामीणों ने पुलिस से मामले में निष्पक्ष जांच की मांग की है। सीओ ने मामले में निष्पक्ष कार्रवाई का आश्वासन दिया है।

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