आंगनबाड़ी केंद्रों पर अब बच्चों को नहीं मिलेगी पंजीरी
आंगनबाड़ी केंद्रों पर अब बच्चों को नहीं मिलेगी पंजीरी
बुलंदशहर। संवाददाता
आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों को अब पंजीरी नहीं मिलेगी। शासन ने पंजीरी बंद कर अब सहायता समूहों के माध्यम से बच्चों को घर ले जाना वाला सूखा राशन देने की योजना बनाई है। आगामी दिनों में गेहूं, चावल व चना मिलने की उम्मीद है। शासन स्तर से इसके लिए अभी कोई आदेश नहीं आए हैं। बच्चों के साथ-साथ विभाग गर्भवती महिला एवं स्कूल न जाने वाली किशोरियों को भी पंजीरी देता था।
आंगनबाड़ी केंद्रों पर पढ़ने वाले बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए शासन द्वारा उन्हें पंजीरी दी जाती थी। जिले की बात करें तो यहां पर 3967 आंगनबाड़ी केंद्रों पर तीन लाख 47 हजार 431 बच्चों को पंजीरी दी जाती थी। इसके अलावा 79 हजार 349 गभर्वती महिला और 5840 स्कूल न जाने वाली किशोरियों को भी पंजीरी दी जाती थी। मगर अब शासन द्वारा पंजीरी को बंद कर दिया गया है। केंद्रों पर बच्चों तथा गर्भवती महिला और किशोरियों को पंजीरी नहीं दी जाएंगी। बताया गया कि पंजीरी की जगह उक्त सभी को गेहूं, चावल चना या फिर अन्य राशन का घर ले जाने वाला सामान दिया जाएगा।
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90 करोड़ का होता था खर्चा
पंजीरी वितरण में जिले में जिले में 90 करोड़ रुपये का खर्चा होता था। जबकि पूरे प्रदेश का बजट 4500 करोड़ रुपये से अधिक का था। जबकि पंजीरी वितरण का कई जिलों में विरोध भी चल रहा था। प्रत्येक वर्ष जिले से संबंधित फर्म को 90 करोड़ रुपये का भुगतान होता था।
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सहायता समूह संभालेंगे कमान
पंजीरी वितरण बंद होने के बाद अब जो आंगनबाड़ी केंद्रों पर राशन वितरण होगा उसमें सहायता समूह आंगनबाड़ी केंद्रों पर राशन देंगे। इसके लिए जिला स्तर पर सहायता समूहों का चयन होगा। बताया गया कि सहायता समूह पूरी जिम्मेदारी उठाएंगे। विभागीय अफसरों की माने तो आदेश आने के बाद ही आगे की कार्रवाई शुरू होगी।
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कोट ...
राज्य सरकार ने पंजीरी बंद कर दी है। आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों को सूखा राशन देने की योजना सरकार ने बनाई है। इसके लिए जल्द ही शासन से आदेश आ जाएंगे। सहायता समूहों द्वारा इसमें पूरा कार्य किया जाएगा। विभाग द्वारा जल्द तैयारियां शुरू कर दी जाएंगी।
-हरिओम वाजपेयी, डीपीओ