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Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़बुलंदशहरFlood like situation due to two lakh cusecs of water released from Haridwar

हरिद्वार से छोड़े दो लाख क्यूसेक पानी से बाढ़ जैसे हालात

पहाड़ी और मैदानी इलाकों में हो रही मूसलाधार वर्षा के चलते हरिद्वार से छोड़ गया दो लाख क्यूसेक पानी से गंगा में बाढ़ जैसे हालात उत्पन्न हो गए हैं।...

Newswrap हिन्दुस्तान, बुलंदशहरSat, 3 Aug 2024 06:15 PM
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पहाड़ी और मैदानी इलाकों में हो रही मूसलाधार वर्षा के चलते हरिद्वार से छोड़ गया दो लाख क्यूसेक पानी से गंगा में बाढ़ जैसे हालात उत्पन्न हो गए हैं। बाढ़ का पानी जाह्नवी प्लेटफार्म बहने के साथ लाल महादेव घाट से नगर में काफी अंदर तक घुस गया है। खादर क्षेत्र की फसलें भी जलमग्न हो गई हैं।

सिंचाई विभाग द्वारा हरिद्वार बैराज से दो लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से गंगा में बाढ़ के हालात हैं। सट कर बह रहा पानी मोहल्ला गंगाद्वार में काफी अंदर तक घुस आया है, जिसके चलते कई परिवारों को बाढ़ के पानी से होकर आवागमन करना पढ़ रहा है। खादर क्षेत्र के दर्जनों गांव की गंगा तटीय भागों में खड़ी फसलों में बाढ़ का पानी बह रहा है, जिससे किसानों के सामने पशुओं के चारे की समस्या पैदा हो गई है।

आरती प्लेटफार्म जलमग्न

गंगा के जल स्तर बढ़ने से खादर क्षेत्रों में चारो ओर बाढ़ का पानी ही दिखाई दे रहा है। स्नान घाट, नगर में शाम को होने वाली गंगा की आरती प्लेटफार्म जलमग्न है, तेजी के साथ बह रहा बाढ़ का पानी कुंज घाट, लाल महादेव घाट की सीढ़िया जलमग्न हो गई है। नगर से सटकर बह रहा बाढ़ का पानी कटान का खतरा पैदा हो गया है।

बाढ़ पीड़ित क्षेत्रों में लोगों की परेशानी

गंगा किनारे बसे गांव अहार, मोहम्मदपुर, हसनपुर, कल्याणपुर, सिरोरा, तोरई, बच्ची खेड़ा, शेरपुर, रूढ़ बांगर, उदयपुर के जंगल बाढ़ प्रभावित है, खेतों में बोई गई गन्ना, ज्वार, बाजरा, धान आदि फसलों में बाढ़ का पानी भरा होने से किसानों के सामने पशुओं की चारे की समस्या गहराने लगी है, प्रशासन द्वारा बाढ़ अलर्ट जारी करने के बाद ग्रामीण खेतों की ओर नही जा रहे।

पुर्नवास के इंतजाम और मशीनरी

बाढ़ से निपटने के लिए प्रशासन पुख्ता दावे कर रहा है। एसडीएम नवीन कुमार ने बताया कि आपातकाल से निपटने के लिए आहार, मुबारकपुर, सिरोरा, अनूपशहर, शेरपुर गांव में बाढ़ चौकियां स्थापित की गई हैं। तहसील मुख्यालय पर कंट्रोल रूम स्थापित कर लोगों के लिए मोबाइल नंबर जारी किया है। लेखपाल के माध्यम से बाढ़ की रिपोर्ट जिला मुख्यालय भेजी जा रही है। पीएससी जवान मोटर बोट के साथ अलर्ट मोड रखे है, इसके अलावा स्थानीय नाविकों को नावों के साथ, दर्जनों प्रशिक्षित गोताखोरों, बड़े वाहनों, एंबुलेंस, दवाइयों की किट, आदि राहत सामग्री आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार किया गया है।

अहार क्षेत्र में भी घाट तक पहुंचा गंगा का पानी

अहार,संवाददाता। अहार क्षेत्र में गंगा के जलस्तर में एक बार फिर से बढ़ोतरी हो रही है। पिछले चौबीस घंटे में करीब दो फिट की बढ़ोतरी हुयी है। जलस्तर बढ़ने के साथ गंगा ने किनारों की ओर कटान करना शुरू कर दिया है। गंगा की मुख्य धारा घाटों की तरफ रुख किए हुए है। गंगा में बने टापू डूबे हुए हैं। अवंतिका देवी गंगा घाट पर पानी घाट की सीढ़ियों पर आ गया है। जिससे गंगा स्नान के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

नरौरा में मीडियम जलस्तर पर पहुंची गंगा

नरौरा। नरौरा गंगा बैराज पर जलस्तर बढ़ने से एक बार गंगा फिर उफान पर है। शुक्रवार की अपेक्षा शनिवार को गंगा में जलस्तर बढ़कर मीडियम फ्लड स्तर पहुंच गया है। सुबह से गंगा का जलस्तर 1 लाख 62 हजार 668 क्यूसेक प्रति सेकंड के बहाव पर स्थिर है। बढ़ते जलस्तर से प्रशासन ने गंगा किनारे कर्णवास, राजघाट, नरौरा और रामघाट गंगा किनारे खादर में ग्रामीणों और किसानों को सतर्क किया है। जलस्तर बढ़ने से गंगा खादर की फसलें जलमग्न हो रही हैं। एसडीओ अंकित सिंह ने बताया कि गंगा किनारों के समस्त बांध दुरुस्त हैं और मुख्य बंधों पर स्टाफ की तैनाती है। घटते बढ़ते जलस्तर की सूचना प्रशासन और उच्च अधिकारियों को हर दो घंटे पर दी जा रही है। अभी गंगा एक ही जलस्तर पर स्थिर हो बह रही है।

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