कर्णवास में श्रद्धालुओं ने गंगा में आस्था की डुबकी लगाई
डिबाई तहसील क्षेत्र में साधु संतों एवं ऋषि-मुनियों की तपस्थली कहे जाने वाले कर्णवास गंगा में माघ मास की मौनी अमावस्या पर जनपद तथा गैर जनपद के...

डिबाई तहसील क्षेत्र में साधु संतों एवं ऋषि-मुनियों की तपस्थली कहे जाने वाले कर्णवास गंगा में माघ मास की मौनी अमावस्या पर जनपद तथा गैर जनपद के दूर-दराज क्षेत्रों से आए सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं ने हर हर गंगे के उद्घोष के साथ गंगा में आस्था की डुबकी लगाई, इसके बाद गंगास्नानार्थियों ने पुरोहितों से विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान कराने के बाद गरीबों व साधु संतों को भोजन वस्त्र आदि दान देकर पुण्य लाभ अर्जित किया। पतित पावनी मोक्षदायिनी मां गंगा स्नान करने के लिए श्रद्धालु अलीगढ़ हाथरस चंदौसी बहजोई बुलंदशहर जनपद स आदि स्थानो से पहुंचते हैं। शनिवार को क्षेत्र की ऐतिहासिक तीर्थ स्थली कहीं जाने वाली कर्णवास गंगा में माघ पक्ष की मौनी अमावस्या पर ब्रह्म मुहूर्त होते ही गंगा में डुबकी लगाने के बाद हर हर गंगे के जयकारो साथ मौन व्रत तोड़ा। मौनी अमावस्या पर बाजार घाट, देवत्रय घाट पर गंगा स्नान का सिलसिला शुरू हो गया। गंगा स्नान के बाद परिवार सहित आए श्रद्धालुओं ने पुरोहितों से हवन, यगोपवित, आदि संस्कार कराए। माघ मास की मौनी अमावस्या पर्व के चलते आस्था मन में लेकर आए श्रद्धालुओं ने स्नान उपरांत मौन व्रत तोड़ कर भगवान भूतेश्वर नाथ सहित हनुमान जी व मां कल्याणी देवी के विधिवत दर्शन किए। इसके उपरांत गरीबों को दान देकर भोजन कराया। मान्यता है कि मौनी अमावस्या के दिन पवित्र नदियों में स्नान कर ब्राह्मण एवं गरीबों को भोजन कराने से पितृ तृप्त होते हैं एवं दान देने से पुण्य फलों की प्राप्ति होती है।
