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जिले में आम, नीम, शाल और महुआ के वृक्षों का होगा संरक्षण

वन सरंक्षण को बढ़ावा देने के लिए शासन से आम, नीम, शाल और महुआ के पेड़ों के कटान पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया...

जिले में आम, नीम, शाल और महुआ के वृक्षों का होगा संरक्षण
हिन्दुस्तान टीम,बुलंदशहरSat, 03 Aug 2019 11:28 PM
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वन सरंक्षण को बढ़ावा देने के लिए शासन से आम, नीम, शाल और महुआ के पेड़ों के कटान पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है। 31 दिसंबर 2025 तक फिलहाल इन पेड़ों के कटान को शासन से अवैध कर दिया है। शासन के मुख्य सचिव इसके लिए विभाग को आदेश जारी कर दिए हैं। वन विभाग को हरहाल में विभाग को इन पेड़ों का संरक्षण बढ़ाना होगा। आदेश आने के बाद वन विभाग भी सतर्क हो गया है। जल्द सभी वन्य क्षेत्रों में विभाग टीम बनाकर पेड़ों का कटान रोकेगा। जिले के वन्य क्षेत्रों में पेड़ों का अंधाधुंध कटान होने के चलते आम, नीम, शाल और महुआ के वृक्ष धीरे-धीरे विलुप्त होते जा रहे हैं। देखा जाए तो इसमें आम के पेड़ों का सबसे ज्यादा कटान हो रहा है। वन्य क्षेत्रों में कुछ विभागीय अफसरों की मिली भगत के चलते जिले में यह कटान खूब फल फूल रहा है। मगर अब शासन ने वन संरक्षण अधिनियिम 1976 की धारा-23 के अंतर्गत नीम, आम, शाल और महुआ के पेड़ों के कटान पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है। शासन के मुख्य सचिव सिंह ने इसके लिए वन विभाग को भेजे गए आदेश में कहा कि उक्त पेड़ों के कटान पर तत्काल प्रतिबंध लगाया जाता है। लगातार कटान होने के चलते इन पेड़ों की संख्या काफी घट रही है। ऐसे में 31 दिसंबर 2025 तक इन पेड़ों के कटान को रोक दिया गया है। विभागीय अफसर चारों पेड़ों का संरक्षण बढ़ाए। डीएफओ ने बताया कि आदेश मिल गया है। जिले में चोरों पेड़ों का कटान बिल्कुल नहीं होने दिया जाएगा। वन रक्षक इस पर पूरी तरह से ध्यान रखे। यदि कहीं कटान होते पाया गया तो संबंधित वन रक्षक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। पेड़ों के सरंक्षण के लिए जिले में एक टीम बनाई जाएगी। जिससे जिले में पेड़ों का कटान न हो सके। ----- अनुमति मिलने के बाद ही काट सकेंगे पेड़ बता दें कि नीम, शाल, आम और महुआ के पेड़ों को काटने के लिए पहले विभाग से अनुमति लेनी होगी। इसमें भी कटाने के लिए काफी नियम रखे गए हैं। डीएफओ द्वारा अनुमति मिलने के बाद ही पेड़ कट सकेंगे। डीएफओ ने बताया कि पेड़ों के संरक्षण के लिए सभी क्षेत्रों में टीम बनाई जाएगी। जिससे पेड़ों का कटान पूरी तरह से रोका जा सके। --- फल पट्टी क्षेत्र में ज्यादा कटान स्याना क्षेत्र फल पट्टी के नाम से मशहूर है। लेकिन यहां सबसे ज्यादा आम के पेड़ों का कटान होता है। पूर्व में आम बाग काटने के लिए पूर्व में कई वन रक्षक भी सस्पेंड हो चुके हैं। विभागीय अफसरों का भी फल पट्टी क्षेत्र पर ज्यादा ध्यान रहेगा। क्योंकि आम के पेड़ सबसे ज्यादा इसी क्षेत्र में है। ---- कोट ... पेड़ों का कटान रोकने के लिए शासन से आदेश मिल गए हैं। सभी क्षेत्रों में वन रक्षकों को दिशा-निर्देश दे दिए हैं। यदि किसी भी क्षेत्र में आम, नीम, शाल और महुआ के पेड़ों का कटान होता है, तो कड़ी कार्रवाई होगी। वन रक्षक क्षेत्रों में जाकर गश्त करें। -गौतम सिंह, उप संभागीय वनाधिकारी

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