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जनपद में 97 प्रतिशत उद्योग एमएसएमई में शामिल

जनपद में 97 प्रतिशत उद्योग एमएसएमई में शामिल

जनपद में 97 प्रतिशत उद्योग एमएसएमई में शामिल
हिन्दुस्तान टीम,बुलंदशहरTue, 02 Jun 2020 04:35 PM
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कोरोना वायरस और लॉकडाउन के चलते संकट झेल रहे उद्योगों को अब राहत मिली है। सरकार ने उद्योगों पर छाये संकट को देखते सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों के लिए राहत दी है। सरकार ने एमएसएमई का दायरा बढ़ाया है। जिससे जिले में 97 प्रतिशत उद्योग एमएसएमई में शामिल हो गए हैं। बताते चलें कि देश की अर्थव्यवस्था में अपना महत्वूपर्ण योगदान देने वाले उद्योगों पर लॉकडाउन की जबरदस्त मार पड़ी है। ऐसे में बर्बादी के कगार पर पहुंच चुके उद्योगों को सरकार ने बड़ी राहत प्रदान की है। सरकार ने एमएसएमई का दायरा बढ़ाया है। यही कारण है कि जिले के लगभ 97 प्रतिशत उद्योग इसमें शामिल हो गए हैं। सरकार एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम) को बढावा देने के लिए कई योजनाएं चला रखी हैं। जिससे इन उद्योगों को गति मिल सके। ऋण के अलावा अन्य सुविधाएं भी सरकार और शासन से एमएसएमई में शामिल उद्योगों को दी जा रही हैं। इन उद्योगों को आसानी से ऋण प्राप्त हो सकेगा और इसका ब्याज भी कम होगा। पहले क्या था, अब क्या हुआबुलंदशहर। पहले मैन्यूफैक्चरिंग में 25 लाख और सर्विस सेक्टर में 10 लाख रुपये तक के निवेश वाले उद्यमो को सूक्षम उद्यम माना जाता था। अब मैन्यूफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर का अंतर निों श्रेणी में खत्म किया गया है। इसे बढाकर निवेश एक करोडृ और टर्नओवर 5 करोड रुपये तक किया गया। लघु यानि स्मॉल यूनिट की परिभाषा में 5 करोड़ से बढ़ाकर 10 करोड़ और टर्नओवर 2 करोड़ से बढ़ाकर 50 करोड़ किया गया। मीडियम यूनिट के लिए निवेश 2 करोड़ और टर्नओवर 5 करोड़ को बढ़ाकर क्रमश: 20 करोड़ और 100 करोड़ रुपये करने की घोषणा की थी, लेकिन अब निवेश 50 करोड़ और टर्नओवर 250 करोड़ रुपये किया गया है। उद्यमियों ने सराहा----फोटो--- नाम सेकेन्द्र सरकार द्वारा मध्यम श्रेणी के उद्योगों की परिभाषा को 5 करोड़ टर्न ओवर से बदलकर 250 करोड़ किया गया है, इससे बुलंदशहर के अधिकांश उद्योग मध्यम श्रेणी के उद्योगों में शामिल हो जाएंगे और इन्हें केन्द्र सरकार द्वारा मध्यम श्रेणी के उद्योगों को दी जाने वाली अनेक सुविधाएं प्राप्त होंगी।-गिरीश अग्रवाल, सूर्या प्रोडक्ट्सकेंद्र सरकार द्वारा एमएसएमई की परिभाषा बदले जाने से मध्यम श्रेणी में अभी तक 5 करोड़ का कारोबार करने वाले उद्योंगो को ही सरकारी सुविधाएं मिलती थी, लेकिन सरकार के इस निर्णय से 250 करोड़ तक कारोबार करने वाले उद्योग को भी वही सुविधा मिलने लगेगी।-प्रवीण मित्तल, अजय इंजीनिरिंग वक्र्ससरकार द्वारा मध्यम श्रेणी के उद्योगों की निवेश सीमा और टर्न ओवर सीमा बढ़ाकर बड़ी राहत दी है इससे 50 करोड़ तक निवेश एवं 250 करोड़ तक टर्न ओवर करने वाले उद्योग भी मध्यम श्रेणी के उद्योग कहलायेंगे।-विकास गुप्ता, अध्यक्ष, आईआईए बुलंदशहर

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