बसपा दिल्ली समेत अन्य राज्यों में करेगी संगठन का विस्तार, मायावती ने दिए छोटे दलों के साथ गठबंधन के संकेत
बसपा दिल्ली समेत अन्य राज्यों में संगठन का विस्तार करेगी। मायावती ने बैठक में फिर साफ किया है कि भाजपा, कांग्रेस व सपा से गठबंधन नहीं किया जाएगा, लेकिन छोटे दलों के साथ गठबंधन के संकेत उन्होंने दिए हैं।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में प्रदेशवार प्रभारियों की तैनाती में फेरबदल किया है। आकाश आनंद के साथ ही अशोक सिद्धार्थ का कद बढ़ा है। भाई आनंद कुमार को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के पद पर बनाए रखा है। मायावती ने दिल्ली राज्य की जिम्मेदारी आकाश आनंद को दे दी है। इन प्रदेश के नए प्रभारियों की देखरेख में राज्यों में संगठन का विस्तार किया जाएगा। मायावती ने बैठक में फिर साफ किया है कि भाजपा, कांग्रेस व सपा से गठबंधन नहीं किया जाएगा, लेकिन छोटे दलों के साथ गठबंधन के संकेत उन्होंने दिए हैं।
झारखंड में रामजी गौतम व गया चरण दिनकर, राजस्थान अशोक सिद्धार्थ, मध्य प्रदेश रामजी गौतम व चंद्रपाल को लगाया गया है। आंध्र प्रदेश व तेलंगाना में रामजी गौतम, केरल व तमिलनाडु का अशोक सिद्धार्थ व नितिन सिंह को प्रभारी बनाया गया है। छत्तीसगढ़ में रामगौतम के साथ अतर सिंह राव को लगाया गया है। पश्चिम बंगाल और उड़ीसा में अशोक सिद्धार्थ को लगाया गया है।
आरक्षण को निष्क्रिय बनाया
उन्होंने कहा कि भाजपा व कांग्रेस ने आपस में मिलकर आरक्षण को निष्क्रिय व निष्प्रभावी बना दिया है। इनकी सरकारों में बैकलाग के खाली पड़े पदों को भी नहीं भरा जा रहा है। इनका व इनके सहयोगितयों का रवैया बसपा के प्रति षड़यंत्रकारी बना हुआ है। यह वर्ष 2012 से शुरू हुआ और इस साल हुए लोकसभा चुनाव में भी देखने को मिला। केंद्र में भाजपा और कांग्रेस की सरकार बनाने से रोकने में बहुजन समाज पिछड़ गया। बसपा मजबूती से आगे बढ़ती तो इन्हें रोका जा सकता है। भाजपा व कांग्रेस इन दोनों पार्टियों और इनकी गठबंधनों ने उस संविधान की रक्षा करने को झूठा चुनावी मुद्दा बनाया।
बसपा को कमजोर करने में लगे
उन्होंने कहा कि भाजपा व कांग्रेस के साथ इनकी सहयोगी पार्टियां बसपा को कमजोर करने में लगी हैं। बाबा साहब के नाम पर संगठन बनाकर समाज के लोगों से छल किया जा रहा है। ये पार्टियां जी-जान से विरोधी बनकर बसपा व मूवमेंट को कमजोर करने के षडयंत्र में पूरी तरह से लगे हैं, लेकिन बसपा नेतृत्व इससे घबराने वाला नहीं है। जातिवादी शक्तियों व व्यवस्था के विरुद्ध बहुजनों द्वारा सत्ता की मास्टर चाबी प्राप्ति करने के लक्ष्य के लिए संघर्ष अनवरत जारी रहेगा।
यूपी में संभावनाएं
उन्होंने उत्तर प्रदेश के ताजा राजनीतिक हालात पर कहा कि लोकसभा चुनाव परिणाम किसी पार्टी विशेष के पक्ष में एकतरफा नहीं रहा है। इसलिए कॉडर के आधार पर जनाधार को बढ़ाने का प्रयास करके आगे बेहतर रिजल्ट हासिल किया जा सकता है। बहुजनों को केवल जोड़ना ही नहीं बल्कि उन्हें पार्टी व मूवमेंट से लगातार जोड़े रखने की भी सख्त जरूरत है। इसमें कोताही व स्वार्थ आड़े नहीं आनी चाहिए, वह इसकी लगातार समीक्षा करेंगी।
पुस्तक का विमोचन
बसपा सुप्रीमो ने कांग्रेस के इंडिया और भाजपा के एनडीए गठबंधन व स्वार्थियों से भी बचाना जरूरी के नामक पुस्तक का विमोचन किया। मायावती ने स्वयं इसे लिखा है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के एक अगस्त के फैसले पर कांग्रेस व सपा की चुप्पी सब कुछ बयां कर रही है।
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