Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़Birth certificate of Bangladeshi Zakir was issued from salon, NIA team reached Rae Bareli

सलोन से जारी हुआ था बांग्लादेशी जाकिर का जन्म प्रमाणपत्र, रायबरेली पहुंची एनआईए टीम

उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले में सलोन से बांग्लादेशी जाकिर का जन्म प्रमाणपत्र जारी हुआ। आरोपी की कुंडली खंगाल रही एनआईए की टीम रायबरेली पहुंची और स्वास्थ्य विभाग व पंचायत राज विभाग के अधिकारियों से जानकारी ली।

Deep Pandey हिन्दुस्तानWed, 11 Sep 2024 01:56 AM
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एनआईए की गिरफ्त में आए देश विरोधी गतिविधियों में शामिल बांग्लादेश के निवासी मोहम्मद जाकिर का जन्म प्रमाणपत्र गाजियाबाद के साथ सलोन से भी जारी हुआ था। आरोपी की कुंडली खंगाल रही एनआईए की टीम रायबरेली पहुंची और स्वास्थ्य विभाग व पंचायत राज विभाग के अधिकारियों से जानकारी ली। साथ ही जन्म प्रमाणपत्र जारी होने की प्रक्रिया को भी जाना।

फर्जी जन्म प्रमाणपत्र प्रकरण में एनआईए की टीम मंगलवार को जिला मुख्यालय पहुंची। सबसे पहले सीएमओ कार्यालय पहुंच कर प्रपत्रों की जांच की। केरल से आई टीम में शामिल डिप्टी एसपी राजन व बेंगलुरु से सहायक संतोष कुमार ने जारी प्रमाण पत्रों के बारे में जानकारी ली। देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में बंद मो. जाकिर के जारी जन्म प्रमाणपत्र के बारे में बारीकी से जानकारी ली। जाकिर के नाम से सलोन के प्यारेपुर से जन्म प्रमाण पत्र जारी हुआ है। इसके साथ ही उसका एक जन्म प्रमाण पत्र गाजियाबाद से भी जारी हुआ है जबकि वह बांग्लादेश का रहने वाला है।

निलंबन की कॉपी ले गए

एनआईए के अधिकारियों ने इसके बाद पंचायत राज विभाग में पहुंच कर निलंबित पंचायत सचिव के बारे में जानकारी ली। साथ ही उसका निलंबन आदेश की फोटो प्रति ली। मोहम्मद जाकिर के जारी जन्म प्रमाण पत्र के बारे में जानकारी ली। साथ ही दोनों विभागों से जारी होने वाले जन्म प्रमाण पत्र के प्रोसेस के बारे में भी जानकारी ली। दोनों अधिकारी जानकारी करने के बाद चले गए। सीएमओ डॉ वीरेंद्र सिंह ने बताया कि एनआईए के अधिकारी आए थे। जन्म प्रमाण पत्र के प्रोसेस के बारे में जानकारी ले कर चले गए थे।

सलोन से जारी हुए थे 19 हजार फर्जी जन्म प्रमाणपत्र

सलोन की ग्राम पंचायतों गढ़ी इस्लामनगर, लहुरेपुर, सिरसिरा, नुरुद्दीनपुर, कालूजलालपुर व गोपालपुर से 19600 जन्म प्रमाणपत्र जारी हुए थे। इसमें 19400 से अधिक फर्जी निकले थे। इस मामले में एक पंचायत सचिव विजय कुमार जेल में है। इसके साथ ही कई अन्य आरोपी भी जेल में है। इस मामले का खुलासा तभी हुआ था जब केरल में एनआईए ने एक संदिग्ध को पकड़ा था। उसका जन्म प्रमाणपत्र यहीं का निकला था। तब से इस मामले की जांच एनआईए के साथ एटीएस व स्थानीय पुलिस भी अपने-अपने स्तर से अलग-अलग कर रही है।

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